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नीरा राडिया टेप विवाद की फिर खुली फाइल, 2011 में दायर हुई थी याचिका
नई दिल्ली। उद्योगपति रतन टाटा का पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया से जुड़ा ऑडियो टेप लीक होने का मामला फिर से खुल गया है। सुप्रीम कोर्ट में 2011 में दायर निजता के अधिकार के उल्लंघन की याचिका पर तीन जजों के बेंच अब पुनः सुनवाई करने जा रही है। गौरतलब है कि 2010 में उद्योगपति रतन टाटा का नीरा राडिया से जुड़ा ऑडियो टेप लीक हो गया था जिसके बाद टाटा ने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए तत्कालीन सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बता दें कि राडिया टेप विवाद, नीरा राडिया नामक एक कॉरपोरेट लॉबिस्ट का कई राजनेताओं, पत्रकारों एवं व्यावसायिक घरानों के महत्वपूर्ण व्यक्तियों से टेलीफोन पर की हुई बातचीत है, जिसे भारत के आयकर विभाग ने 2008-09 में टेप किया था। कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया टाटा ग्रुप और रिलायंस ग्रुप का PR संभालती थी। 2010 में नीरा राडिया की देश और विदेश के कई राजनेताओं, अधिकारियों, पत्रकारों और उद्योगपतियों से हुई बातचीत के 800 से अधिक ऑडियो टेप मीडिया में लीक हो गए थे।
आरोप ये है कि नीरा राडिया ने आयकर विभाग के कहने पर ये रिकॉर्डिंग की थी। इस बातचीत के बाद 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नीरा राडिया की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे थे। इन टेप्स में देश के बड़े उद्योगपति रतन टाटा और मुकेश अंबानी से फोन पर की गई बातचीत भी शामिल है।
इसी के बाद 2011 में रतन टाटा ने निजता के हनन का आरोप लगाते हुए तत्कालीन सरकार को सुप्रीम कोर्ट में घसीटा था। इस याचिका पर आखिरी सुनवाई 2014 में हुई थी। अब आठ साल बाद फिर उन फाइलों की धूल साफ की गई है। मामले की सुनवाई तीन जजों, जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच कर रही है।
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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।
दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?
इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।
एलजी के आदेश पर कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।
इस तरीके से चल रहे अभियान
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।
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