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आग से आग नहीं बुझती, नफरत को हराता है प्यार: मौलाना महमूद मदनी

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देवबंद (सहारनपुर)। उप्र के सहारनपुर जनपद के देवबंद के ईदगाह मैदान में जमीयत उलमा-ए-हिंद का दो दिवसीय अधिवेशन आज शुरू हो गया। इसमें देशभर के उलेमा और गवर्निंग बॉडी के सदस्य प्रमुख समस्याओं को लेकर मंथन कर रहे हैं। अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है। प्यार से नफरत को हराया जा सकता है।

इजलास का शुभारंभ जमीयत उलमा-ए-हिंद का झंडा लहरा कर किया गया है। तिलावत-ए-कुरान पाक दारूल उलूम के उस्ताद कारी अब्दुल रउफ ने की और नात-पाक कारी अहसान मोहसिन ने पेश की।

जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम, जमीयत उलमा हिंद पश्चिम बंगाल अध्यक्ष और ममता सरकार में मंत्री मौलाना सिद्दीकउल्ला चौधरी, सांसद मौलाना बदरूद्दीन अजमल और सभी प्रदेशों के अध्यक्षों सहित देशभर के उलमा शामिल हो रहे हैं।

इजलास में देश के मौजूदा हालात और ज्ञानवापी मस्जिद समेत देश में विभिन्न धार्मिक स्थलों को लेकर बढ़ रहे विवाद, कॉमन सिविल कोड, मुस्लिम वक्फ एवं मुस्लिमों की शिक्षा आदि मुद्दों पर चर्चा होगी। वहीं,  जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।

मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम ने कहा कि यह देश एक गुलदस्ते की मानिंद हैं, जिसमें हर धर्म और वर्ग के लोग प्यार-मोहब्बत के साथ रहते हैं। यही एकता और भाईचारा इस मुल्क को हिंदुस्तान बनाता है।

जमीयत उलमा-ए-हिंद पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष और ममता सरकार में मंत्री मौलाना सिद्दीकउल्ला चौधरी ने जमीयत के इतिहास और उसके उद्देश्य पर रोशनी डालते हुए कहा कि मुल्क को बचाने में  जमीयत ने बड़ी कुर्बानियां दी हैं। कहा कि जमीयत के साथ मिलकर हिंदुस्तान के संविधान को बचाने का काम करें।

प्रसिद्ध शायर डा. नवाज देवबंदी ने मंच से शायरी के जरिए सद्भाव का संदेश दिया।

उन्होंने मंच से एक शेर सुनाते हुए कहा-

मोहब्बत के चिरागों को जो आंधी से डराते हैं, उन्हें जाकर बता देना हम जुगनू बनाते हैं,

ये दुनिया दो किनारों को कभी मिलने नहीं देती, चलो दोनों किसी दरिया पे पुल बनाते हैं।

आग से आग नहीं बुझती: मदनी

जमीयत उलमा-ए-हिंद के दो दिवसीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमें मायूस होने की जरूरत नहीं है, देश हमारा है और हमारे बुजुर्गों ने इस देश को आजाद कराने में मुख्य भूमिका निभाई है।

देश में नफरत का कारोबार करने वालों की दुकानें ज्यादा दिन चलने वाली नहीं हैं। कहा कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है। प्यार से ही नफरत को हराया जा सकता है। हमें उकसाया जा रहा है। हमारे ही देश में हमें अजनबी बना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बेइज्जत होकर खामोश रहना कोई मुसलमान से सीखे। देश में नफरत का बाजार सजाया जा रहा है। ये सब्र का इम्तिहान है। सरकारें आने-जाने वाली चीज है, लेकिन देश को जोड़ने वाले और मजबूत करने वाले ही इस देश की ताकत है।

ईदगाह के विशाल मैदान में आयोजित सम्मेलन के पहले चरण में अपने अध्यक्षीय भाषण में मौलाना महमूद मदनी ने इशारों इशारों में सरकार और आरएसएस पर हमला बोला।

कहा कि एकता और अखंड भारत की बात करने वाले वर्ग विशेष को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है। सभी लोग राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र को मजबूत करने की बात करते हैं लेकिन नफरत के मुद्दे पर खामोश रहते हैं।

कहा कि नफरत की दुकान खोलने वाले और नफरत का बाजार सजाने वाले लोग देश के दुश्मन हैं। नफरत का जवाब कभी नफरत नहीं हो सकता, हम नफरत का जवाब मोहब्बत से देने वाले लोग हैं।

देश में फैल रही नफरत को मोहब्बत से बचाने की जरूरत है। मौलाना मदनी ने कहा कि हम नफरत का जवाब नफरत से दे सकते हैं, लेकिन देश का मुसलमान कभी ऐसा नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता व अखंड भारत बनाने की बात करने वालों ने आज देश के मुसलमानों का रास्ते पर चलना मुश्किल कर दिया है, यह किस अखंडता और अखंड भारत की बात करते हैं? यह नफरती लोग देश के साथ दुश्मनी कर रहे हैं और देश के अमन शांति यहां की गंगा जमुनी तहजीब और एकता अखंडता को तबाह बर्बाद कर रहे हैं।

धार्मिक स्थलों को लेकर लाएंगे प्रस्ताव

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हम धार्मिक स्थलों और इबादतगाहों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव लाएंगे और प्रस्ताव लाकर बात रखेंगे और फिर पीछे नहीं हटेंगे। देश को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए एक नए हौंसले और नए खून की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हम वह नहीं करेंगे जो वह चाहते हैं,  हम वह करेंगे जो समय की ज़रूरत होगी, हम अपनी प्लानिंग से चलेंगे आपकी प्लानिंग पर हम नहीं चलेंगे।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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