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फव्वारा-शिवलिंग विवाद: ओवैसी ने कहा- गुरुत्वाकर्षण पर काम करते हैं ऐसे फव्वारे
नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज शनिवार को कहा कि फव्वारा कम से कम 7वीं शताब्दी से इस्लामी वास्तुकला की एक अनिवार्य विशेषता है।
बिजली मुक्त फव्वारे के बारे में विकिपीडिया और न्यूयॉर्क टाइम्स के एक पुराने लेख के लिंक साझा करते हुए ओवैसी ने कहा कि ऐसे फव्वारे गुरुत्वाकर्षण पर काम करते हैं और प्राचीन रोमन और यूनानियों के पास पहली और छठी शताब्दी ईसा पूर्व के फव्वारे थे।
ओवैसी ने ट्वीट किया, “संघी जीनियस पूछ रहे हैं कि बिजली के बिना एक फव्वारा कैसे चलता था? इसे ग्रेविटी कहा जाता है। संभवतः दुनिया का सबसे पुराना कामकाजी फव्वारा 2700 साल पुराना है। प्राचीन रोमन और यूनानियों के पास पहली और छठी शताब्दी ईसा पूर्व के फव्वारे थे। शाहजहां के शालीमार उद्यान में 410 फव्वारे हैं।
ओवैसी ने लिखा, “संघियों को विकिपीडिया लिंक के साथ छोड़ना क्योंकि इससे अधिक कुछ भी उनके लिए बहुत जटिल हो सकता है।”
गौरतलब है कि हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वुजुखाना के पास एक शिवलिंग पाया गया, जिसका उपयोग मुस्लिम श्रद्धालु अपनी नमाज से पहले वशीकरण करने के लिए करते हैं।
जबकि मस्जिद प्रबंधन समिति ने दावा किया कि जिस वस्तु को हिंदू पक्ष शिवलिंग होने का दावा करता है, वह वुजुखाना के पानी के फव्वारे तंत्र का हिस्सा है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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