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राजस्थान CM फेस को लेकर बोले अशोक गहलोत- मैं पद छोड़ना चाहता हूं पर ये मुझे नहीं छोड़ेगा
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकटों की सूची फाइनल करवाने के लिए दिल्ली में मौजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सियासी हलकों में चल रहे तमाम सवालों के जवाब दिए। राजस्थान में चौथी बार सीएम बनने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं।
उन्होंने कहा कि कुछ तो कारण होंगे कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मुझे बार-बार सीएम बना रहे हैं। राजस्थान में उनकी सरकार से बगावत करने वाले सचिन पायलट और उनके विधायकों को टिकट दिए जाने के सवाल पर बोले-अभी सिर्फ जीत क्राइटेरिया है बाकी सब हम भूल चुके हैं। उनके साथ जो गए थे उनके टिकट सब क्लीयर हो रहे हैं। एक टिकट पर भी मैंने ऑब्जेक्शन नहीं किया।
सीएम के खिलाफ कोई आरोप नहीं
प्रदेश में एंटीइनमबेंसी के चलते टिकट काटे जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा सीएम के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और एंटीइनकमबेंसी भी है, लेकिन टिकट तब कटते हैं, जब वहां विकल्प हों। मैंने एक बात कही कि सरकारें बदलने का भाजपा ने नया मॉडल अपनाया है यह बहुत खतरनाक है। अरुणाचल प्रदेश के सीएम को तो इसके चलते आत्महत्या तक करनी पड़ी।
ईडी के छापों पर बोले- केंद्रीय मंत्री की जांच क्यों नहीं
प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद ईडी की कार्रवाई को लेकर भी सीएम अशोक गहलोत ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत संजीवनी घोटाले के आरोपी उनकी जांच क्यों नहीं की जा रही। गहलोत बोले, यहां के सांसद ईडी के ऑफिस में जाकर झूंठी शिकायत करते हैं और उनके कहने पर ईडी कार्रवाई के लिए आ जाती है। सांसद किरोड़ी ने तूफान मचा दिया कि लॉकर में 500 करोड़ रुपये पड़े हैं, ईडी वहां पहुंच गई।
मैं मोदी से बड़ा फकीर
गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। बोले, मोदी कहते हैं कि मैं गहलोत से बड़ा ईमानदार हूं तो मैं उनको कहना चाहता हूं कि मैं मोदी से बड़ा फकीर हूं। जिंदगी में एक इंच जमीन नहीं खरीदी, सोना नहीं खरीदा, इसलिए मोदी को बड़ा दावा नहीं करना चाहिए।
पायलट के टिकटों पर कोई आपत्ति नहीं
सचिन पायलट से विवादों के सवाल पर गहलोत ने गुगली फेंकी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को तकलीफ ही यही हो रही है कि इनके बीच झगड़े क्यों नहीं हो रहे हैं। गहलोत बोले कि मैं उनके फैसलों में भागीदार बन रहा हूं। उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ जीत क्राइटेरिया है बाकी सब हम भूल चुके हैं। उनके साथ जो गए थे उनके टिकट सब क्लीयर हो रहे हैं। एक टिकट पर भी मैंने ऑब्जेक्शन नहीं किया।
राजे पर बोले- मेरे कारण उनको सजा न मिले
वसुंधरा राजे पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मेरे कारण उनको सजा नहीं मिलनी चाहिए। मेरी सरकार गिर रही थी तो उनके नेता कैलाश मेघवाल ने एक किस्सा बताया था। वह मैंने किसी सभा में कह दिया। उसे लेकर राजे को निशाना बनाया गया।
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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी
राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।
नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।
इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।
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