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मुख्य समाचार

गुलाम नबी आजाद ने साफ़ कहा- अब आर्टिकल 370 वापस नहीं आ सकता

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जम्मू। कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान करने वाले गुलाम नबी आजाद ने कल रविवार को बारामूला की रैली में कहा, ‘मैं किसी को भ्रमित नहीं करूंगा। न ही वोट के लिए और न ही राजनीति के लिए। कृपया उन मुद्दों के चक्कर में न पड़ें, जिन्हें हासिल ही नहीं किया जा सकता। अब आर्टिकल 370 वापस नहीं आ सकता। इसके लिए संसद में बहुमत की जरूरत है।’

गुलाम नबी आजाद ने साफ कहा कि कांग्रेस चुनाव दर चुनाव गिर रही है और इस वक्त भारत में ऐसा कोई भी दल नहीं है, जो संसद में बहुमत हासिल कर सके और फिर आर्टिकल 370 बहाल कर दे। उन्होंने कहा कि न तो कांग्रेस और न ही ममता बनर्जी, डीएमके, शरद पवार या कोई अन्य पार्टी इसे वापस नहीं ला सकती।

उन्होंने कहा कि कोई भी दल यदि लोकसभा में 350 सीट लाता है और उसके पास राज्यसभा में भी बहुमत होता है, तभी वह आर्टिकल 370 को वापस ला सकता है। आजाद ने कहा कि पिछली बार कांग्रेस ने 50 सीटें जीती थीं और इस बार तो वह 25 तक आ सकती है।

क्यों आर्टिकल 370 पर बदला है गुलाम नबी का रुख

गुलाम नबी आजाद ने जिस तरह से आर्टिकल 370 को लेकर अलग रुख दिखाया है, उससे यह संकेत मिल रहा है कि वह शायद भाजपा के साथ जम्मू-कश्मीर की सियासत में अपना भविष्य में देख रहे हैं।

दरअसल गुलाम नबी आजाद की पकड़ जम्मू-कश्मीर के जिन इलाकों में है, वे मिश्रित आबादी वाले हैं या फिर हिंदू बहुल हैं। इन इलाकों में आर्टिकल 370 हटाए जाने का कोई खास विरोध नहीं है। ऐसे में गुलाम नबी आजाद की शायद यह पॉलिटिक्स है कि वे इन इलाकों में अपनी पैठ बना सकें।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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