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मुख्य समाचार

पूरे देश में पहुंचेगी गोरखपुर की विकास गाथा, नगर निगम ने तैयार कराई “मुस्कुराइए, आप गोरखपुर में हैं” बुकलेट

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गोरखपुर। गोरखपुर की विकास गाथा बुकलेट के रूप में पूरे देश में पहुंचेगी। सीएम सिटी में पहले से मौजूद ऐतिहासिक धरोहरों के साथ नए विकास कार्यों का अनूठा संयोजन इस बुकलेट में किया गया है। बुकलेट तैयार कराया है नगर निगम गोरखपुर ने और नाम दिया है, ”मुस्कुराइए, आप गोरखपुर में हैं।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 29 दिसम्बर को इस बुकलेट का विमोचन किया था। अब उनकी सहमति के बाद गोरखपुर के महापौर इसे देश के सभी बड़े नगरीय निकायों में भेजने की तैयारी में जुट गए हैं।

नगर निगम की तरफ से सीएम के हाथों विमोचित कराए गए बुकलेट में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बने के बाद गोरखपुर महानगर में विकास की तीव्रतम रफ्तार को सचित्र संकलित किया गया है। इसमें बीते करीब पांच सालों के विकास कार्यों को ब्यौरा तो है ही, पहले से देश-दुनिया में पहचान रखने वाली विरासत-अमिट धरोहरों के बारे में भी जानकारी को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। मसलन, इसमें ऐतिहासिक गोरखनाथ मंदिर समेत सभी प्राचीन धार्मिक स्थलों, विश्व प्रसिद्ध गीतप्रेस, गीता वाटिका, सोने-चांदी के ताजिये वाले इमामबाड़े के साथ मुस्लिम, सिख, जैन, इसाई समाज की महानगर में मौजूद विरासत को सहेजा गया है।

इसके साथ ही बीते करीब पांच साल में सीएम योगी की अगुवाई में महानगीय विकास के रूप में जो बदलाव आया है, उसे भी बुकलेट में सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया गया है। खाद कारखाना, एम्स, बीआरडी मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक, रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, अत्याधुनिक प्रेक्षागृह, सौंदर्यीकृत रामगढताल, वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, चिड़ियाघर, शानदार एयर कनेक्टिविटी, मजबूत रोड कनेक्टिविटी, राप्ती नदी पर गुरु गोरक्षनाथ घाट-रामघाट, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय जैसे अनेकानेक कार्य उद्यम, चिकित्सा, ज्ञान, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, मनोरंजन व पर्यटन के क्षेत्र में हुए हैं।

गोरखपुर के महापौर सीताराम जायसवाल का कहना है कि शहरियों और बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए इस बुकलेट को एक गाइड के रूप में तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति के बाद इस बुकलेट को अब देश के सभी नगर निगमों और नगर महापालिकाओं में भेजने की तैयारी की जा रही है ताकि महानगर में हुए विकास कार्य अन्य निकायों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकें।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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