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ज्ञानवापी: हिन्दू पक्ष में फूट, वादी के चाचा ने अधिवक्ता विष्णु जैन पर लगाए गंभीर आरोप

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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में हिन्दू पक्ष में फूट पड़ गई है। मामले के पांच वादियों में से एक राखी सिंह के चाचा और विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विसेन ने हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन पर मुस्लिम पक्ष को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।

विसेन ने आज मंगलवार को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अधिवक्ता विष्णु जैन पर केस समाप्त करवाने का आरोप लगाया। कहा कि जैन स्टेट कौंसिल के सदस्य हैं। वह एक सरकारी अधिवक्ता होने के बावजूद सरकार के खिलाफ केस लड़ रहे हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विष्णु जैन इंडियन इस्लामिक कल्चर सेंटर के अधिकृत सदस्य हैं। सेंटर के कहने पर विष्णु जैन की ओर से इस प्रकरण में वकालतनामा दाखिल किया गया है। मुस्लिम पक्ष अधिवक्ता विष्णु जैन को आधार बनाकर केस को खत्म करवा सकता है।

उन्होंने कहा कि केस समाप्त न हो इसलिए जिला जज की अदालत में आज प्रार्थना पत्र दिया है। केस को समाप्त करने के लिए षड्यंत्र किया जा रहा है। इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर की संरक्षक सोनिया गांधी हैं।

विसेन ने कहा कि उस शख्स का नाम तो नहीं खोलूंगा, लेकिन उनका मेंबरशिप नंबर-1289 है। उस शख्स ने पूरी तरह से विष्णु शंकर जैन को अपनी कठपुतली बना रखा है। इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर ने ज्ञानवापी मामले को हाईजैक कर लिया है।

विसेन ने सवाल किया कि एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने 26 मई 2022 को मां श्रृंगार गौरी मामले की वादिनी मंजू व्यास, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक के हस्ताक्षर से कोर्ट में वकालतनामा पेश किया। इसमें श्रृंगार गौरी मामले की अहम वादिनी राखी सिंह नहीं शामिल थीं। उससे पहले उन्होंने कभी वकालतनामा नहीं दाखिल किया था।

विसेन ने कहा कि विष्णु शंकर जैन ने राज्य के खिलाफ कैसे वकालतनामा पेश किया, जबकि वही सुप्रीम कोर्ट में उप्र सरकार के अधिवक्ता हैं। जो स्टेट का अधिवक्ता है वह उसी के खिलाफ मुकदमे में अपना वकालतनामा दाखिल नहीं कर सकता है। इसी आधार पर मुस्लिम पक्ष हमारे दावे और तर्कों को खारिज करा देगा।

इस तरह से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन साजिश रचकर हमारा दावा खत्म कराने पर तुले हैं। वकालतनामा उन्होंने इसीलिए लगाया ताकि हमारा मुकदमा आसानी से खारिज हो जाए।

उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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