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मुख्य समाचार

पता होता कि राजनीति इतनी गंदी हो जाएगी, तो इसमें कभी नहीं आती: ममता बनर्जी

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा अगर मुझे पता होता कि राजनीति इतनी गंदी हो जाएगी, तो मैं कभी राजनीति में नहीं आती। केंद्रीय एजेंसियों पर फिर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि एजेंसी के समन केवल प्रतिशोध की राजनीति नहीं है, यह खुली हिंसा है। उन्होंने आरोप लगाए कि पशु और कोयला तस्करी के मुद्दे केंद्रीय गृहमंत्रालय और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी हैं।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से मंगलवार को ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को समन भेजा गया है। उन्हें कोयला घोटाला मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया है।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा आप हर समय सभी को बेवकूफ नहीं बना सकते। जिस तरह आप मीडिया में हमें बगैर सबूत के बदनाम कर रहे हैं, जिस तरह की भाषा का आप इस्तेमाल करते हैं और ‘सूत्रों’ का हवाला देते हैं, आपको सोचना चाहिए कि अगर आपके साथ भी ऐसा ही किया जाए, तो क्या होगा।

कालीघाट का मुद्दा

भाजपा की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि पशु तस्करी और कोयला घोटाला से मिला पैसा कोलकाता के कालीघाट जाता है। दरअसल, यहां ममता बनर्जी रहती हैं और यह जगह काली मंदिर के लिए मशहूर है। इस पर टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, ‘आप आरोप लगाते हैं कि भ्रष्टाचार की कमाई कालीघाट पहुंच रही है। मैं पूछती हूं, कालीघाट में किसके पास? क्या मां काली? क्या आप कोई नाम बता सकते हैं?’

भाजपा से ‘सेटिंग’ के आरोप

भाजपा के साथ सेटिंग के आरोप पर उन्होंने कहा, ‘मैं सेटिंग की राजनीति में शामिल नहीं हूं। मैं यह कभी नहीं कर पाऊंगी। अगर मैं सेटिंग करने में अच्छी होती, तो अपने पूरे शरीर पर चोट के निशान लेकर वाम राजनीति में मिलने वाले हिस्से में नहीं होती। कांग्रेस नेताओं की तरह नहीं, जिन्होंने खुद को बेच दिया है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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