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मुख्य समाचार

सतपाल महाराज के खिलाफ हरक सिंह रावत को मैदान में उतार सकती है कांग्रेस

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सतपाल महाराज के खिलाफ पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेता बैठक करेंगे।

कांग्रेस भाजपा से पार्टी में आने वाले रावत का इस्तेमाल पार्टी से दूसरे दल में जाने वाले सतपाल महाराज के खिलाफ करना चाहती है। सतपाल महाराज, जो कभी कांग्रेस के दिग्गज थे, 2017 में बीजेपी में चले गए थे और बीजेपी सरकार में मंत्री हैं और उनका राज्य में आधार माना जाता है।

लेकिन अब कांग्रेस रावत को मैदान में उतारना चाहती है, जो पहले बीजेपी में थे और अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। महाराज भाजपा के लिए सुरक्षित सीट मानी जाने वाली चौबट्टाखाल से विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस का नया कदम भाजपा के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर सकता है। हरक सिंह रावत की बहू को कांग्रेस पहले ही लैंसडाउन से टिकट दे चुकी है।

कांग्रेस ने सोमवार को उत्तराखंड में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की थी, जिसमें वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को नैनीताल जिले के रामनगर से मैदान में उतारा गया था।

दूसरी सूची में, पार्टी ने हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत को टिकट दिया है, जो हाल ही में भगवा पार्टी द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद भाजपा से कांग्रेस में शामिल हो गईं। अनुकृति लैंसडाउन से चुनाव लड़ेंगी।

सूची में अन्य उम्मीदवारों में सूर्यकांत धस्माना (देहरादून कैंट), मोहित उनियाल (डोईवाला), जयेंद्र चंद रमोला (ऋषिकेश), बरखा रानी (ज्वालापुर, एससी सीट), वीरेंद्र कुमार (झाबरेड़ा, एससी सीट) सुभाष चौधरी (खानपुर), अंतरिक्ष सैनी (लक्सर), संध्या दलकोटी (लालकुवा), और महेंद्र पाल सिंह (कालाढूंगी) शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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