प्रादेशिक
हरियाणा: टोहाना रेलवे स्टेशन पर इंटरसिटी एक्सप्रेस का ठहराव शुरू, दिल्ली जाना होगा और आसान
फतेहाबाद (हरियाणा)। रेलवे की ओर से टोहाना रेलवे स्टेशन पर श्रीगंगानगर व दिल्ली के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव शुरू कर दिया गया है। शनिवार को ट्रेन टोहाना रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो दैनिक रेल यात्री संघ और अन्य यात्रियों ने चालक दल का स्वागत किया। दैनिक रेल यात्री संघ की ओर से प्रधान राजेश नागपाल के नेतृत्व में रेलगाड़ी के ठहराव होने पर खुशी का इजहार किया गया।
इस दौरान संघ की टीम ने नाच गाकर व नारियल फोड़कर खुशी मनाई। इस रेलगाड़ी के ठहराव से सबसे अधिक लाभ व्यापारियों व दुकानदारों को होगा। दिल्ली से सामान लाने के लिए उन्हें नियमित रूप से ट्रेन की सुविधा मिलेगी।
सांसद सुनीता दुग्गल से किया था आग्रह, सामूहिक प्रयास चढ़े सिरे
प्रधान राजेश नागपाल ने बताया कि दैनिक रेल यात्री संघ लंबे समय से सांसद सुनीता दुग्गल से इंटरसिटी रेलगाड़ी सहित अन्य गाड़ियों के ठहराव की मांग कर रहा था। इसको लेकर रेलवे के बड़े अधिकारियों से भी मिले थे।
सांसद सुनीता दुग्गल ने इस मुद्दे को लोकसभा में प्राथमिकता से उठाया तो रेलवे ने इंटरसिटी गाड़ी के टोहाना में ठहराव को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कहा कि रविवार को सांसद सुनीता दुग्गल शाम चार बजे टोहाना रेलवे स्टेशन पर आएंगी, जहां उनका स्वागत किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल
लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।
फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।
तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल
वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।
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