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उत्तर प्रदेश

बागपत: कब्रिस्तान की जमीन पर बना लिया था मकान, प्रशासन ने किया ध्वस्त

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House built on cemetery land in Baghpat

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बागपत। उप्र के बागपत जिला प्रशासन ने पुराना कस्बा में केतीपुरा की नई बस्ती में बुलडोजर चलाकर सात मकानों को ध्वस्त करा दिया। इस दौरान महिलाओं और बच्चों ने विरोध किया, लेकिन उनकी एक नहीं चली। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद लोगों ने यहां जमीन खरीदकर मकान बनाए थे। दरअसल, प्रशासन के अनुसार ये मकान कब्रिस्तान की जमीन पर बनाए गए थे।

जिला प्रशासन को मिली थी शिकायत

जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि पुराना कस्बा बागपत में कब्रिस्तान एवं अनुसूचित जाति के लोगों से बिना प्रशासन की अनुमति लिए 10 एवं 100 रुपये स्टांप पर जमीन खरीद कर मकान बना लिए। जांच के बाद सोमवार शाम चार बजे कब्रिस्तान की बनी जमीन पर बने मकानों को तोड़ने का काम एडीएम प्रतिपाल चौहान के नेतृत्व में शुरू हुआ।

तहसीलदार प्रसून कश्यप तथा सीओ डीके शर्मा ने पुलिस बल के साथ मकानों पर जेसीबी मशीन चलवाई तो महिलाओं, पुरुषों तथा बच्चों ने विरोध कर दिया। इसके बावजूद तीन मकान तथा चार प्लाटों की चारदीवारी तोड़ी गई।

महिलाओं ने दिया ठंड का हवाला

जिस समय ध्वस्तीकरण चल रहा था, तभी महिलाओं-बच्चों और लोगों ने ठंड का हवाला देकर कहा कि हमारा क्या दोष है? हमनें तो यह जमीन रहीस नाम के व्यक्ति से खरीदी थी। एक महिला ने बैनामे की कापी दिखाते हुए अधिकारियों से कहा कि जब यह जमीन कब्रिस्तान की है तो फिर उनके नाम बैनामा कैसे हो गया।

दंगा होने के बाद खरीदा था प्लाट

समीर ने बताया कि वह मुजफ्फरनगर के बुढाना थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर रायसिंह गांव के मूल निवासी हैं तथा वर्ष 2013 में दंगा होने के बाद यहां उन्होंने व उनकी बहन बलकीसा ने प्लाट खरीदा था। बाकी लोग भी 2013 में ही बागपत के खेड़ा हटाना गांव से आकर यहां 50 या 60 गज का प्लाट लेकर मकान बनाकर रहने लगे। लोगों ने कहा कि मकान तोड़ने से पहले उन्हें कोई नोटिस तक नहीं दिया गया। न मकान तोड़ने की पहले से सूचना दी गई।

पूरे मामले पर एडीएम प्रतिपाल चौहान ने बताया सरकारी कब्रिस्तान पर अवैध रूप से मकान बने होने की शिकायत पर जंचाई कराई। अवैध रूप से बने तीन मकान व चार प्लाटों की बाउंड्री को ध्वस्त कराया। कब्रिस्तान की जमीन पर प्लाट काटकर बेचने वाले व्यक्ति की जांच कर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश तहसीलदार को दिया गया है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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