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उन लोगों का समर्थन कैसे करते, जिनका संबंध दाऊद इब्राहिम से हो: एकनाथ शिंदे

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी पूर्ववर्ती एमवीए (महाविकास आघाडी) सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर 50 विधायकों ने शिवसेना छोड़ी तो इसके पीछे बड़ा कारण होगा?

उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सरकार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, मुंबई ब्लास्ट, वीर सावरकर और हिंदुत्व से संबंधित मामलों में निर्णय लेने में नाकाम रही। शिंदे ने कहा कि उन्होंने ‘हिंदू हृदय सम्राट बालसाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।

एकनाथ शिंदे ने कहा, हमने अपने हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा, उनकी भूमिका को आगे ले जाने का फैसला किया है। अगर 50 विधायक ऐसा कदम उठाते हैं, तो इसका कोई बड़ा कारण होना चाहिए।

कोई भी छोटा कारण के लिए इतना बड़ा निर्णय नहीं लेता है। यहां तक कि एक नगरसेवक भी ऐसा फैसला नहीं लेते। 50 विधायकों ने ऐसा फैसला क्यों लिया? इस बारे में सोचने की जरूरत थी।

निर्णय लेने में रहे असमर्थ

महाराष्ट्र सीएम ने कहा, शिवसेना, बीजेपी ने 2019 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा लेकिन कांग्रेस, एनसीपी के साथ सरकार बनी। इस वजह से जब भी हिंदुत्व के मुद्दे सामने आए, सावरकर से जुड़े मामले सामने आए, मुंबई विस्फोट का मुद्दा आया, दाऊद का मुद्दा सामने आया और इनसे जुड़े अन्य मुद्दे आए तो उद्धव निर्णय लेने में असमर्थ थे।

जेल में बंद हैं नवाब मलिक

शिंदे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक का जिक्र किया। नवाब मलिक, जिन्हें इस साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसकी गतिविधियों से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

दाऊद से संबंध वालों से संबंध

दाऊद इब्राहिम 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का मुख्य आरोपी है, जिसमें 257 लोग मारे गए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई में मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की थी।

शिंदे ने सवाल उठाया कि बालसाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है, जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और से सीधा संबंध था, जो मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार हैं।

हारे हुए लोगों को मजबूत कर रहे थे

शिंदे ने शिवसेना के 40 सहित 50 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। उन्होंने कहा कि एक विद्रोह हुआ था क्योंकि शिवसेना के विधायक विकास कार्यों के मामले में अपने निर्वाचन क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना कर रहे थे। एनसीपी और कांग्रेस अपने विरोधियों को प्रोत्साहित कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘ये 40-50 विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना कर रहे थे क्योंकि हमारे गठबंधन सहयोगी हारे हुए लोगों को मजबूत कर रहे थे।

‘बात करने के बाद भी नहीं हुआ सुधार’

महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि जब हम चुनाव जीतते हैं, तो मतदाता पानी, सड़क और अन्य बुनियादी कार्यों सहित विकास कार्यों की उम्मीद करते हैं, उम्मीदें थीं लेकिन हमारे विधायक थे धन की कमी और अन्य समस्याओं के कारण ऐसा करने में सक्षम नहीं है।

हमने कई बार अपने वरिष्ठों से बात की कि सुधार के उपाय होने चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से हम इसमें सफल नहीं हो सके। इसलिए हमारे 40-50 विधायकों ने यह निर्णय लिया।’

‘हमने कुछ भी गैर कानूनी नहीं किया’

नई सरकार के सामने अदालतों में मामले चल रहे हैं और शिवसेना की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंचने की संभावना है, शिंदे ने कहा कि उन्होंने कुछ भी अवैध नहीं किया है और कानून का पालन किया है। उन्होंने कहा, ‘हम कुछ भी अवैध नहीं कर रहे हैं।

इस देश के लोकतंत्र में, नियम, कानून और संविधान हैं और इसके अनुसार काम करना पड़ता है। आज, हमारे पास बहुमत है, हमारे पास दो-तिहाई से अधिक विधायक हैं और इसलिए हमने जो निर्णय लिया है वह कानूनी और वैध है। अध्यक्ष ने भी हमें मान्यता दी है। जिन लोगों ने हमारे खिलाफ अदालत का रुख किया, उनकी खिंचाई की गई। हमने कुछ भी अवैध नहीं किया है और जिन्होंने ऐसा किया है।’

‘सभी वर्गों से होगा न्याय’

शिंदे ने कहा कि फ्लोर टेस्ट हो चुका है, स्पीकर चुना गया है, सरकार ने विश्वास मत जीता है। लोकतंत्र में जो कुछ भी करने की जरूरत है वह किया गया है। इस सरकार को 170 विधायकों का समर्थन है और यह एक मजबूत सरकार है। शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार समाज के सभी वर्गों को न्याय देगी और यह राज्य के लोगों की सरकार होगी। उन्होंने कहा यह सरकार श्रमिकों सहित समाज के सभी वर्गों के साथ न्याय करेगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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