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अजीत सिंह के निधन से हुई राजनीतिक क्षति की भरपाई हो पाना कठिन हैः हृदय नारायण दीक्षित

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश  विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा चौधरी साहब किसानों की भलाई के लिए सदैव संघर्षरत रहे।

उनके निधन से हुई राजनीतिक क्षति की भरपाई हो पाना कठिन है। अजीत सिंह  प्रथम बार राज्यसभा एवं सात बार लोकसभा सांसद और कई बार केंद्रीय मंत्री रहे। यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति  संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति की कामना की है।

बता दें कि मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के चीफ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह का कोरोना से निधन हो गया। 82 साल के अजित सिंह कोरोना संक्रमित थे। मगंलवार रात तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया।

इसके साथ ही उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार मधुसूदन त्रिपाठी के निधन का समाचार जानकर गहरा शोक व्यक्त किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनके के निधन से पत्रकारिता जगत में अपूरणीय क्षति हुई है।

यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह दिवंगत आत्मा को चिर शांति व शोक संतप्त परिजनों  को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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