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करियर

आईबीपीएस (IBPS) पीओ मेंस रिजल्ट 2023 जारी, इन स्टेप्स से करें डाउनलोड

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IBPS PO Mains Result 2023 Released

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नई दिल्ली। इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (IBPS) ने पीओ मेन्स रिजल्ट 2023 जारी कर दिया है। अभ्यर्थी रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट ibps.in से देख और डाउनलोड कर सकते हैं। रिजल्ट डाउनलोड करने के लिए अभ्यर्थियों को वेबसाइट के पेज पर अपना पंजीकरण नंबर और जन्म तिथि दर्ज करनी होगी।

5413 पदों पर की जाएंगी नियुक्तियां

इस भर्ती अभियान के माध्यम से कुल 5413 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। मेंस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को जीडी और इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद फाइनल रिजल्ट जारी किया जाएगा।

5 नवंबर को आयोजित की गई थी परीक्षा

IBPS पीओ मेन्स 2023 परीक्षा 5 नवंबर को आयोजित की गई थी। मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार दौर के लिए उपस्थित होना होगा। इससे पहले IBPS ने 23, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर, 2023 को पीओ प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की थी। इसका परिणाम 18 अक्टूबर को जारी किया गया था।

ऐसे डाउनलोड करें रिजल्ट

– सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।

– इसके बाद मेंस रिजल्ट 2023 लिंक पर क्लिक करें।

– पर्सनल डिटेल्स दर्ज करके सबमिट करें।

– रिजल्ट सामने होगा।

– रिजल्ट की एक प्रति डाउनलोड कर अपने पास रख लें।

जानें किस कैटेगरी की कितनी हुई कटऑफ

सामान्य- 80.75

अनुसूचित जाति (एससी)- 65.50

अनुसूचित जनजाति (ST)- 57.75

अन्य पिछड़ा वर्ग-नॉन-क्रीमी लेयर (ओबीसी-एनसीएल)- 75.75

परीक्षा में दो भाग शामिल थे। पहले भाग में 200 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न थे जबकि दूसरे भाग में 25 अंकों के वर्णनात्मक प्रकार के प्रश्न थे। परीक्षा ए ही पाली में आयोजित की गई थी।

जिसमें से 60 मिनट रीजनिंग और कंप्यूटर एप्टीट्यूड के लिए, 45 मिनट डेटा विश्लेषण और व्याख्या के लिए, 40 मिनट अंग्रेजी भाषा के लिए, 35 मिनट सामान्य, अर्थव्यवस्था/बैंकिंग जागरूकता के लिए और 30 मिनट अंग्रेजी के लिए आवंटित किए गए थे।

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उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव का योगी सरकार पर निशाना, कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे का हिस्सा नहीं

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस-प्री और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रयागराज में जमकर प्रदर्शन किया। लोकसेवा आयोग के दफ्तर के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया था। इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा कि माहौल ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हो चुका है। आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर यही है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा। नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार। भाजपा सरकार नहीं धिक्कार है। अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग’ नहीं चाहिए।

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवार वाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो व्हाट्सएप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं और बांटने वाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकारकर ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।

अखिलेश ने कहा कि अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।

उन्होंने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोज़र चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफ़ी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर, अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के ग़ुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गये हैं। आंदोलनकारी युवा ऊँची आवाज़ में पूछ रहे हैं ‘अब कहाँ गायब हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के नेता और कार्यकर्ता?’ क्या ये सिर्फ़ समाज को बाँटने के लिए बाहर निकलते हैं। जिस समय छात्रों की आवाज में आवाज मिलाने का समय है, उस समय ये भाजपाई, कहीं दबे-छिपे काट रहे हैं सत्ता की मलाई। सपा प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक भाजपा और उसकी नकारात्मक झूठी राजनीति का समय पूरा हो गया है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

 

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