Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

आजादी की लड़ाई में लोकनायक का महत्वपूर्ण योगदान: नीतीश कुमार

Published

on

नीतीश कुमार

Loading

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर आयोजित ‘जेपी की कहानी नीतीश कुमार’ की जुबानी कार्यक्रम में शामिल हुए। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लोकनायक के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

कार्यक्रम के संयोजक पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन ने मुख्यमंत्री को हरित गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया। जदयू नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को पौधा, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।

मुख्यमंत्री के समक्ष लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में शामिल होने से ठीक पहले सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र प्रांगण में मुख्यमंत्री ने सफेद कबूतरों को उड़ाकर प्रदेश में शांति एवं आपसी सद्भाव कायम रखने का संदेश दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आज हमलोग जयप्रकाश नारायण की 120वीं जयंती के अवसर पर उपस्थित हुए हैं। नागालैंड के लोगों की समस्याओं के मद्देनजर लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी वर्ष 1964 से 1967 तक वही रहे थे।

नागालैंड में रहने के दौरान जयप्रकाश नारायण नागा नेताओं से बातकर शांति समझौता कराया था। आज उनके जयंती के अवसर पर नागालैंड के दीमापुर में भी कार्यक्रम आयोजित था, जिसमें वहां के लोगों ने मुझे भी आमंत्रित किया था।

हमने देखा कि वहां के लोगों के मन में जयप्रकाश नारायण के प्रति काफी सम्मान है। हमलोग जेपी आंदोलन में शामिल रहे थे। वर्ष 1974 में हमलोगों ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी से आंदोलन का नेतृत्व करने का अनुरोध किया तो उन्होंने अनुरोध स्वीकार कर लिया।

वर्ष 1974 के आंदोलन में छात्रों, युवाओं से लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी भागीदारी दी थी। लोकनायक ने 14 लोगों की कमिटी बनाई थी, उस कमिटी में हम भी शामिल थे और उनके घर पर भी अक्सर जाया करते थे।

लोकनायक ने आंदोलन के दौरान एक साल तक पढ़ाई बंद करने का छात्रों से आह्वान किया और पटना यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी तरह से ठप्प हो गई। बाद में कुछ लोगों ने पढ़ाई करना शुरू किया तो हमने पढ़ाई बंद रखने का लोगों से जा-जाकर अनुरोध किया। इसके बाद जयप्रकाश नारायण जी हमें काफी मानने लगे।

आजादी की लड़ाई में लोकनायक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्ष 1942 में बापू ने आन्दोलन शुरू किया तो पूरे देश के लोग उनके नेतृत्व में एकजुट हो गये। हम जेपी को कभी भूल नही सकते हैं, उन्हें सदैव याद रखेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 5 जून 1974 को पटना के गाँधी मैदान में बहुत बड़ा कार्यक्रम हुआ, जिसमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का भाषण सुनने के लिए 5 लाख लोग एकत्रित हुए थे । उसके बाद आंदोलन आगे बढ़ता गया।

नीतीश कुमार ने कहा हम चाहते हैं कि उनके भाषण को घर-घर तक पहुंचा दीजिये ताकि लोग उनके विचारों से भलीभांति रूप से अवगत हो सकें। तत्कालीन केंद्र सरकार ने वर्ष 1975 में देश में आपातकाल लागू कर उनको जेल भेज दिया और हमलोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

उसके बाद जयप्रकाश नारायण ने चुनाव के समय सभी चारों विपक्षी पार्टियों को एक करके जनता पार्टी नामकरण किया लेकिन बाद के दिनों में आपस में झगड़ा कर सभी अलग हो गये। वर्ष 1977 में हम भी चुनाव में खड़े हुये लेकिन चुनाव हार गये थे। जयप्रकाश नारायण जी की तबीयत खराब हुई और वे हम सबको छोड़कर चले गये।

नीतीश कुमार ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी तीन वर्षों तक नागालैंड में रहकर जिन बातों की चर्चा की थी, वह आज हमें भी वहां के कार्यक्रम में सुनने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने जनता पार्टी नाम दिया लेकिन बहुत लोग नाम बदलकर अलग हो गये।

जेपी समाजवादी विचारधारा के थे और सभी लोगों को एकजुट करके चलते थे। आज कल इस देश में कुछ लोग झगड़ा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। एकजुटता भंग करने की कोशिश हो रही है। जेपी क्या थे, यह सभी लोगों को सोचना चाहिए जो जेपी के मानने वाले हैं।

नीतीश कुमार ने कहा कि प्रारंभ से ही हमने हर तबके के उत्थान के लिए काम करते रहे हैं। पहले महिलाओं की क्या स्थिति थी, कितनी लडकियों पढ़ पाती थीं। आज मैट्रिक की परीक्षा में लड़के-लड़कियों की संख्या बराबर हो गयी है।

हमने सबको एकजुट रखने एवं सबके पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने का काम किया है। देश में पहली बार वर्ष 2006 में हमलोगों ने पंचायती राज एवं नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया।

हम जब सांसद थे तो पंचायती राज में आरक्षण देने के लिए एक कमिटी बनी थी। उस कमिटी में हम भी शामिल थे। महिलाओं को न्यूनतम एक तिहाई आरक्षण देने का प्रावधान था लेकिन जब हमें मौका मिला तो महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान दिया और महिलाओं के लिए पंचायती राज एवं नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत का आरक्षण लागू किया।

अधिक से अधिक लड़कियों को पढ़ाने के लिए साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत की गयी। पहले लड़कियां पटना में भी साइकिल नहीं चलाती थीं लेकिन जो काम करने वाले नहीं हैं, वही लोग अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी को कभी भूलना नहीं है। सम्पूर्ण क्रांति के तीन महीने के बाद लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने कहा कि लोहिया जी की सप्तक्रांति ही सम्पूर्ण क्रांति है।

यह भी पढ़ें

जनता दरबार में CM नीतीश ने सुनी समस्याएं, अधिकारियों को दिए निर्देश

पंचतत्व में विलीन हुए मुलायम, बेटे अखिलेश ने दी मुखाग्नि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों को जब मौका मिला तो हमने पिछड़ा में अतिपिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण लागू किया। इससे पहले वर्ष 2000 में कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। तब से अब तक चार बार पंचायती राज का चुनाव और तीन बार नगर निकाय का चुनाव सम्पन्न हो गया है।

हमलोग जेपी, बापू और लोहिया के विचारों को लागू करने की कोशिश करते हैं और करते रहेंगे। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर हमने जीविका समूह की शुरुआत की और आज पूरे बिहार में 10 लाख 35 हजार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे एक करोड़ 27 लाख महिलायें जुडी हुई हैं।

जीविका समूह के माध्यम से गरीब तबके की महिलायें काफी आगे बढ़ी हैं। हमलोगों ने जीविका नामकरण किया, जिसके बाद केन्द्र ने पूरे देश के लिये इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका रखा। उन्होंने कहा कि बिहार का क्षेत्रफल काफी कम है, जबकि आबादी अधिक है।

प्रजनन दर कम करने की दिशा में कई काम किये गये जिसका परिणाम है कि बिहार का प्रजनन दर 4.3 से घटकर 2.9 हो गया है। महिलायें जितनी अधिक पढ़ेंगी प्रजनन दर उतना ही घटेगा। समाज बेहतर हो रहा है, बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है।

हमलोग हर क्षेत्र में हरसंभव विकास करने की कोशिश कर रहे हैं। आजादी की लड़ाई जो नहीं लड़े थे, जिनका कोई योगदान नहीं है, वही लोग इधर-उधर की बात करके झगड़ा लगाने का काम करने में लगे हैं। आजादी की लड़ाई बापू के नेतृत्व में लड़ी गयी थी। बापू की हत्या किसने की थी?

आज कल लोग जिनके चक्कर में फंस गये हैं, वे लोग काम करने की बजाय सिर्फ बोलने का काम कर रहे हैं और जेपी का सम्मान करने चले हैं। याद रखिये, ऐसे लोगों के चक्कर में फिर मत पड़ियेगा। मिल-जुलकर चलिए, एकजुट रहिये। आपस में भाईचारा का भाव कायम रखिये, चाहें किसी भी जाति, धर्म के हों, हम सब काम करते रहेंगे। आप सब लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी को याद रखियेगा।

कार्यक्रम को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा एवं पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री श्रीमती रंजू गीता, पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा, पूर्व विधायक अरुण मांझी, पूर्व विधान पार्षद रुदल राय, पूर्व विधान पार्षद बाल्मीकि सिंह, विक्रम कुंवर, रामवचन राय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, स्वतंत्रता सेनानीगण, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

Published

on

Loading

बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

Continue Reading

Trending