उत्तर प्रदेश
योगी सरकार के विकास और विजन की निवेशकों ने की तारीफ, नीतियों को सराहा
नई दिल्ली। बेहतर कानून व्यवस्था व राज्य के विकास के लिए स्पष्ट नीति और सही नीयत हो, तो कैसे किसी राज्य का कायाकल्प हो सकता है, इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश पेश कर रहा है। कुछ वर्षों पहले जिस प्रदेश में निवेश करने से कारोबारी और उद्योगपति घबराते थे, आज वही प्रदेश निवेश के नजरिये से उनकी पहली पसंद बन गया है।
इसकी एक झलक कल शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के रोड शो में देखने को मिली। ओबेराय होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे व्यवसायी एवं कारोबारी योगी सरकार की नीतियों से प्रभावित नजर आए और उत्तर प्रदेश को विकास का एक्सप्रेस-वे बताया।
निवेशकों का यूपी में बढ़ा विश्वास
मोबाइल निर्माता कंपनी लावा के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हरिओम राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत बड़ा मुद्दा था। सीएम योगी के नेतृत्व में आज यूपी में जो बदलाव दिख रहा है, उसने यहां निवेश के लिए उत्सुक व्यापारिक समुदाय और औद्योगिक घरानों का विश्वास बढ़ाया है। प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। सड़क और बिजली किसी भी इंडस्ट्री को सेटअप करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि यूपी सरकार इस दिशा में बहुत सराहनीय कार्य कर रही है। प्रदेश में परिवहन को लेकर अच्छी सुविधा तैयार की जा रही है। इंडस्ट्रीज को बढ़ाने के लिए अच्छा माहौल देने के साथ-साथ नए निवेशकों को स्टार्टअप मैकेनिज्म के तहत निवेश के लिए आमंत्रित करना सरकार का बेहतर प्रयास है।
यूपी के पास बहुत क्षमता
उमेन्डस टेक्नोलॉजी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव चनन ने कहा कि यूपी के पास बहुत क्षमता है। विकास के लिए जरूरी सभी चीजें यूपी में उपलब्ध है। यूपी के पास अच्छा मैनपावर है, एयर कनेक्टिविटी, एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क ये सब विकास में बहुत सहायक साबित होंगे।
मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी अच्छा काम हो रहा है, लेकिन इसमें अभी और आगे बढ़ने की संभावना है। बीते कुछ महीनों में सरकार ने एमएसएमई कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए जो पहल की है, वह भी निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में अच्छा प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने इंडिया विजन के तहत हमसे उप्र जैसे बड़े राज्य में और अधिक सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि मैंने यूपी सरकार में काफी ग्रहणशीलता महसूस की है, चाहे वो प्रस्तावों को स्वीकृत करने से जुड़ी हो या तमाम नीतियों में बदलाव से जुड़ी हो। यूपी सरकार का सारा फोकस विकास पर है।
जो 75 वर्षों में नहीं हो सका, अब यूपी में हो रहा
प्रेस्टीजियस ग्रुप के चेयरमैन हेमंत सतेजा ने कहा कि 75 वर्षों में यूपी में जो काम नहीं हो पाया वो अब हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में जिस प्रकार से एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ रहा है, डिफेंस कॉरिडोर तैयार हो रहा है, इस बारे में पहले सोचना भी मुश्किल था।
उन्होंने कहा कि उप्र में जिस तरह से कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है, उससे न सिर्फ वहां के लोगों का बल्कि हम जैसे निवेशकों का भी भरोसा मजबूत हुआ है। इकॉनमिक डेवलपमेंट के लिए प्रोग्रेसिव पॉलिसीज, 19 लाख से अधिक एमएसएमई, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेक्टर डेवलपमेंट, स्टार्टअप इकोकल्चर ने हमारे विश्वास को और मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश के विकास में बड़ा योगदान देने की ओर बढ़ रहा है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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