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हेट स्पीच मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी ने किया कोर्ट में सरेंडर, गए जेल

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हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित की गई धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम- वसीम रिजवी) ने आज हरिद्वार न्यायालय में सरेंडर कर दिया। उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जितेंद्र नारायण त्यागी को कुछ कट्टरपंथियों से खतरे को देखते हुए न्यायालय ने उनकी सुरक्षा का आदेश भी दिया है।

सबसे पहले पहुंचे निरंजनी अखाड़ा

जितेंद्र नारायण त्यागी  सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा पहुंचे। यहां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी से भेंट करके उनका आर्शीवाद लिया, इसके बाद वे हरिद्वार कचहरी परिसर में पहुंचे। ‌उनके साथ रविंद्रपुरी महाराज सहित कई साधु संत भी मौजूद रहे।

मैं एक हिंदू हूं और इस पर गर्व करता हूं

जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि चार महीने जेल में रहा, मैंने उन गुनाहों का पश्चाताप कर रहा हूँ जो मैंने कभी किया ही नहीं, क्योंकि मैं एक हिंदू हूं और मैं इस पर गर्व करता हूं। मुझे जान का भी खतरा है, क्योंकि जो कहते हैं सर तन से जुदा वो मारना ही जानते हैं। ‌खतरा हर जगह है और जब तक मैं जिंदा हूं तब तक खतरा बना ही रहेगा।

हरिद्वार में आयोजित हुई थी धर्म संसद

गौरतलब है कि 17 से 19 दिसंबर 2021 को हरिद्वार के वेद निकेतन में धर्म संसद (Dharma Sansad) आयोजित हुई थी। आरोप है कि इसमें एक समुदाय को खत्म करने जैसी बातें कही गईं। ज्वालापुर निवासी गुलबहार खां ने हरिद्वार शहर कोतवाली में 23 दिसंबर 2021 को करीब 10 धर्मगुरुओं के खिलाफ हेट स्पीच मामले में मुकदमा करवाया था। इसमें जितेंद्र नारायण त्यागी का नाम भी था।

चार महीने रहे थे जेल में

हरिद्वार पुलिस ने 13 जनवरी 2022 को जितेंद्र नारायण त्यागी को यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर से गिरफ्तार किया था । वह करीब चार महीने तक जेल में रहे थे। इसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट (SC) से अंतरिम जमानत मिल गई। 29 अगस्त 2022 को अंतरिम जमानत समाप्त हो गई है, सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण त्यागी को दो सितंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया सरेंडर

जितेंद्र नारायण त्यागी के वकील उत्तम सिंह चौहान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से इनकी मेडिकल के आधार पर जमानत हुई थी। उसका समय पूरे होने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) के आदेश के बाद सरेंडर किया है। कुछ इनपुट मिले हैं कि उन्हें कट्टरपंथियों से जान का खतरा है। इसको देखते हुए न्यायालय ने इनकी सुरक्षा का आदेश भी पारित किया है।

यति नरसिंहानंद गिरि भी गए थे जेल

हेट स्पीच के आरोप में जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि भी जेल गए थे। हालांकि, उन्हें हरिद्वार कोर्ट से महज एक महीने के भीतर ही जमानत मिल गई थी मगर जितेंद्र नारायण त्यागी चार महीने तक जेल में रहे थे।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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