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प्रादेशिक

14 दिन और बढ़ी सत्येंद्र जैन की न्यायिक हिरासत, मनी लॉन्ड्रिंग केस में है जेल में

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को अभी कुछ और दिन जेल में ही रहना होगा। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार जैन की न्यायिक हिरासत स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है।

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने यह आदेश ईडी की उस याचिका पर दिया जिसमें सत्येंद्र जैन की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की गई थी। इससे पहले दिन में न्यायाधीश ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था कि कार्यवाही के दौरान ना तो सत्येंद्र जैन और न ही उनका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई वकील अदालत में मौजूद था।

सत्येंद्र जैन के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में बताए जाने के बाद कोर्ट ने ईडी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिन में बाद में जैन की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। ऑक्सीजन का स्तर गिरने के बाद उन्हें पिछले सप्ताह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जज ने ईडी की याचिका पर दलीलें सुनीं और जैन की न्यायिक हिरासत और 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। ईडी ने 57 वर्षीय जैन को 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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