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उत्तर प्रदेश

कानपुर: होते होते रह गया बिकरू काण्ड, 40 राउंड फायर करने वाला सरफिरा गिरफ्तार

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कानपुर। पुलिस की सूझबूझ से कानपुर में एक और बिकरू काण्ड होने से बच गया। बिना गोली चलाए पुलिस ने एक ऐसे सरफिरे को गिरफ्तार किया जिसने लगातार पुलिस पर करीब 40 राउंड फायर किए।

प्राप्त समाचार के अनुसार कानपुर के श्याम नगर सी ब्लॉक में मानसिक तनाव से परेशान एक व्यक्ति आरके दुबे (55) ने रविवार को बहू और बेटे को बंधक बनाने के बाद पुलिसकर्मियों पर अपनी दोनाली बंदूक से ताबड़तोड़ फायरिंग की।

छर्रे लगने से दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। दो घंटे में सिरफिरे ने छत से 40 राउंड फायर झोंक डाले। बड़ी मशक्कत के बाद डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार बातचीत कर उसको समझा सके। तब वह घर के भीतर दाखिल हुए और तत्काल आरोपी को हिरासत में लेकर बेटे-बहू को बचाया। आरोपी मानसिक तनाव में था। इस दौरान पुलिस ने एक भी गोली नहीं चलाई।

पुलिस के मुताबिक आरके दुबे का बेटे सिद्धार्थ व बहू भावना से विवाद चल रहा है। रविवार को किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। दोपहर करीब एक बजे भावना ने पुलिस को फोन कर सूचना दी। मौके पर जब पुलिस पहुंची तो आरके दुबे ने छत से फायरिंग शुरू कर दी। तीन पुलिसकर्मियों को छर्रे लग गए। भीतर से चीख पुकार की आवाज सुनाई दे रही थी।

जानकारी होने पर डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार, एडीसीपी पूर्वी राहुल मिठास, एसीपी कैंट, एसीपी कोतवाली समेत छह थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा। इस दौरान रुक-रुककर आरोपी फायरिंग करता रहा। दूसरी तरफ डीसीपी पूर्वी उसको समझाने में जुटे रहे।

करीब दो घंटे तक उसको समझाया। किसी तरह से उसने गोलियां दागनी बंद की। तब पुलिस घर के भीतर दाखिल हुई। आरके दुबे से असलहा लेने के साथ ही उसे दबोच लिया। कमरे में बंद बेटे बहू को बाहर निकाला। आरोपी के पास से पुलिस को 50 कारतूस मिले और करीब 40 खोखे बरामद किए। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

जिधर पुलिस दिखी, उधर गोली दागी

आरके दुबे ने पड़ोसियों के घरों को भी निशाना बनाया। तीन चार मकानों पर गोलियां चलाईं। पुलिसकर्मी उस पर काबू पाने के लिए आसपास के घरों की छत पर चढ़ रहे थे। ऐसे में जिधर पुलिस वालों को देखता गोली चला देता।

पड़ोस के मकान की छत पर खड़े इंस्पेक्टर अमित भड़ाना पर निशाना साध गोली चलाई तो वह बाल बाल बच गए। गोली रेलिंग के शीशे पर जाकर टकराई। इसी तरह से सामने वाले घर पर भी गोलियां दागीं। चकेरी थाने व पीआरवी की गाड़ियों पर भी गोलियां लगी। आरोपी की पत्नी भी उसका साथ दे रही थी। पुलिस उस पर भी कार्रवाई करेगी।

50 कारतूस मिले, एफआईआर दर्ज

डीसीपी पूर्वी उसको समझाने में जुटे रहे। करीब दो घंटे तक उसको समझाया। किसी तरह से उसने गोलियां दागनी बंद की। तब पुलिस घर के भीतर दाखिल हुई।

आरके दुबे से बंदूक लेकर उसे दबोच लिया। कमरे में बंद बेटे बहू को बाहर निकाला। आरोपी के पास से पुलिस को 50 कारतूस मिले और करीब 40 खोखे बरामद किए। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

पुलिस ने नहीं चलाई एक भी गोली

पूरे ऑपरेशन को डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार लीड कर रहे थे। बातचीत से ही पूरा मामला शांत कराया। पुलिस ने हंगामे के दौरान धैर्य रखा और दो घंटे में एक भी गोली नहीं चलाई।

संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि, पारिवारिक विवाद की वजह से आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया है। आरोपी मानसिक रूप से बीमार है। मदद के आरोप में पत्नी पर भी कार्रवाई होगी।

मैं विकास दुबे से भी खूंखार, सब मारे जाओगे

बेटे बहू को बंधक बनाकर पुलिस पर गोली चलाने वाला आरके दुबे पुलिसवालों को ललकार रहा था। खुद की तुलना विकास दुबे से कर रहा था। आरके बोला कि मैं विकास दुबे से भी खूंखार हूं। कुछ भी कर सकता हूं। सब मारे जाओगे। वो भी दुबे था मैं भी दुबे हूं।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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