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प्रादेशिक

नर्स की बड़ी लापरवाही, फोन पर बात करते-करते लगा दी वैक्सीन की डबल डोज

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां रूरा के मंडौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम ने बड़ी लापरवाही कर दी।

बताया जा रहा है कि एएनएम ने महिला को गलती से कोरोना वैक्सीन की डबल डोज दे दी। मामले का खुलासा होते ही हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को मंडौली गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोविड वैक्सिनेशन किया जा रहा था।

गांव की कमलेश कुमारी वैक्सीन लगवाने गई थी। वैक्सीनेटर एएनएम अर्चना ने वैक्सीन की एक डोज दी। कमलेश कुमारी को निगरानी के लिए कुछ देर रोक लिया गया।

आरोप है कि इसी दौरान एएनएम ने लापरवाही के चलते मोबाइल पर बात करते कमलेश कुमारी को वैक्सीन की डबल डोज दे दी। जिसके बाद महिला ने इसकी शिकायत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी. डॉ राकेश कुमार से कर दी।

राहत की बात ये रही कि दोनों डोज लगने के बाद भी महिला को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं हुई। चिकित्सा प्रभारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि महिला को किसी तरह की दिक्कत नहीं है। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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