Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्य राज्य

कर्नाटक सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही: हिजाब पर लगा प्रतिबंध हटाने पर बिफरी भाजपा

Published

on

Loading

बंगलूरू। कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब पहनने और न पहनने को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को स्कूलों में हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को हटाने का एलान किया, जिसकी भाजपा ने कड़ी आलोचना की। कहा कि मुख्यमंत्री का यह फैसला शैक्षणिक स्थलों की ‘धर्मनिरपेक्ष प्रकृति’ के बारे में चिंता पैदा करता है। बता दें, सिद्धरमैया ने शुक्रवार को बताया था कि उन्होंने पहनावे और खाने की पसंद को निजी बताते हुए प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया है।

युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही

इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही है। उन्होंने आगे कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध वापस लेने का मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का फैसला हमारे शैक्षणिक स्थलों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को लेकर चिंता पैदा करता है।

ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण

शिकारीपुरा के विधायक ने कहा, ‘शिक्षण संस्थानों में धार्मिक पोशाक की अनुमति देकर सिद्धरमैया सरकार धार्मिक आधार पर युवाओं के दिमाग को बांटने को बढ़ावा दे रही है, जिससे समावेशी शिक्षा के माहौल में बाधा उत्पन्न हो सकती है। विभाजनकारी प्रथाओं पर शिक्षा को प्राथमिकता देना और एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, जहां छात्र धार्मिक प्रथाओं के प्रभाव के बिना शिक्षाविदों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

गंदी राजनीति से बच सकते थे

कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिद्धारमैया ने कहा है कि वह शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब की अनुमति देंगे। मुख्यमंत्री कम से कम शिक्षण संस्थानों को गंदी राजनीति से बचा सकते थे। अल्पसंख्यक या मुस्लिम समुदाय के किसी भी बच्चे ने हिजाब की मांग नहीं की है, लेकिन सीएम का दावा है कि वह स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में हिजाब की अनुमति देंगे। यह सीएम की मंशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यह सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति है और यह पूरी तरह से फूट डालो और राज करो की प्रथा है जिसका पालन कांग्रेस पार्टी करती है। हम इस कदम की कड़ी निंदा करते हैं।’

ड्रेस कोड का हिस्सा हिजाब

बता दें कि इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है और समय के साथ वहां रूढ़िवादिता बढ़ रही है। यही वजह है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूलों में छात्राओं के ड्रेस कोड में हिजाब को अनिवार्य कर दिया गया है। खास बात ये है कि यह नियम सभी धर्म की छात्राओं पर लागू है। वहीं पूर्वी जावा में घटी इस घटना के बाद आरोपी अध्यापक को पद से हटाने की मांग की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2021 में भी इंडोनेशिया में ऐसी कई घटनाएं सामने आईं थी, जहां छात्राओं को हिजाब ना पहनने या ठीक ढंग से ना पहनने पर दंडित किया गया था। इंडोनेशिया में छह बड़े धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, ऐसे में इंडोनेशिया में इस तरह की घटनाएं धार्मिक असहिष्णुता बढ़ने की तरफ इशारा कर रही हैं।

Continue Reading

अन्य राज्य

सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

Published

on

Loading

राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

Continue Reading

Trending