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उत्तर प्रदेश

अब कासगंज जेल है अब्बास अंसारी का नया ठिकाना, आज सुबह स्थानान्तरित

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Abbas Ansari

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लखनऊ। उप्र की चित्रकूट जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को कासगंज जेल स्थानान्तरित किए जाने का आदेश जारी हो गया है। अब्बास को आज बुधवार सुबह 5.30 बजे कासगंज जेल के लिए रवाना किया गया। इस दौरान बेहद कड़े सुरक्षा प्रबंध थे।

कासगंज जेल में अब्बास को बेहद कड़ी निगरानी में रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं। चित्रकूट जेल की घटना के बाद कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने मंगलवार को वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जेल अधीक्षकों, जेलर, डिप्टी जेलर व डीआइजी स्तर के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

मंत्री ने चित्रकूट जिला जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी को तत्काल प्रभाव से जिला कारागार कासगंज में स्थानान्तरित किए जाने का निर्देश दिया है। बैठक में कहा कि इस घटना में संलिप्त जेल प्रशासन के लोगों के विरुद्ध जांच रिपोर्ट आने के बाद बेहद सख्त कार्रवाई होगी।

मंत्री ने जेल अधीक्षकों से कड़ी नाराजगी जातते हुए सभी जेलों में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश दिए। कहा कि भविष्य में किसी भी जेल में इस प्रकार की घटना फिर न हो। जेल अधीक्षकों को किसी भी प्रकार की समस्या, दबाव या धमकी मिले तो उसकी सूचना तत्काल कारागार मुख्यालय को दी जाए।

मंत्री ने कहा किसी प्रकार की घटना होने के बाद उनकी इस प्रकार की दलीलों का संज्ञान नहीं लिया जायेगा और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। चित्रकूट जेल जैसी घटनाओं से जेल विभाग में किये जा रहे सकारात्मक व अच्छे कार्य पीछे हो जाते हैं। बैठक में प्रमुख सचिव कारागार राजेश प्रताप सिंह, डीजी जेल आनन्द कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

टाप टेन अपराधियों की सूची तलब

कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति मंत्री ने सभी जेल अधीक्षकों को 20 फरवरी तक उनके जेलों में बंद टाप टेन अपराधियों की सूची कारागार मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था को और मजबूत करने का निर्देश भी दिया। मुख्यालय स्तर पर निगरानी तंत्र को भी और बेहतर बनाने का प्रयास किए जाने को कहा है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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