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उत्तर प्रदेश

एक्सप्रेसवे के चप्पे-चप्पे पर हो नजर, कैमरा लगाकर करें कवरः नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी

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लखनऊ। उप्र सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने गुरूवार को यूपीडा मुख्यालय में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सभी एक्सप्रेसवे परियोजनाओं एवं विकास कार्यों की समीक्षा की।

जिसमें मंत्री नन्दी एक्सप्रेसवेज पर हो रही दुर्घटनाओं और लोगों को सहायता मिलने में हो रही देरी की शिकायतों को लेकर काफी गंभीर नजर आए। जिस पर मंत्री नन्दी ने अधिकारियों को निगरानी व्यवस्था बेहतर करने और पूरे एक्सप्रेसवे को कैमरे से कवर करने के निर्देश दिए।

कहा कि एक्सप्रेसवे का चप्पा-चप्पा कैमरे की नजर में हो और उसकी निगरानी हो, ऐसी व्यवस्था की जाए। ताकि शिकायत मिलते ही तत्काल पीड़ित तक मदद पहुंचाई जा सके। साथ ही मंत्री नन्दी ने पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस पर लगे पेट्रोलिंग वाहन, एम्बुलेंस, क्रेन और कैटल कैचर वाहन को यूपीडा कंट्रोल रूम से जोड़ने के निर्देश दिए।

मंत्री नन्दी ने गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि पिछले दिनों उन्होंने गंगा एक्सप्रेसवे के पैकेज वन मेरठ से बदायूं और पैकेज फोर प्रयागराज से रायबरेली तक का निरीक्षण किया। जिसमें पैकेज फोर प्रयागराज से रायबरेली तक कार्य की रफ्तार काफी स्लो है। इसे और तेज करने की जरूरत है।

प्रयागराज से रायबरेली के बीच 17 किलोमीटर के क्षेत्र में कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि प्रति दिन एक लाख 25 हजार घन मीटर मिट्टी का कार्य कराए जाने का लक्ष्य है। एक लाख घन मीटर ही मिट्टी का कार्य हो रहा है।

मंत्री नन्दी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की समीक्षा की। जिसमें कार्य की गति धीमी मिलने पर मंत्री नन्दी ने कारण पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि यहां मिट्टी की समस्या है। जिस पर मंत्री नन्दी ने कार्य रफ्तार बढ़ाते हुए 31 दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे की समीक्षा करते हुए मंत्री नन्दी ने अधिकारियों से कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के टॉयलेट में साफ-सफाई बेहतर न होने की लगातार शिकायतें आ रही हैं। जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। मंत्री नन्दी ने कहा कि अधिकारियों को लगाकर बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग कराएं और शिकायतों को गम्भीरता से लें।

मंत्री नन्दी एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसों और हादसों के बाद लोगों को मिलने में हो रही देरी को लेकर काफी गम्भीर नजर आए। मंत्री नन्दी ने एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग वाहन, एम्बुलेन्स, क्रेन और कैटल कैचर की निगरानी के बारे में पूछा तो अधिकारियों ने जीपीएस द्वारा ट्रैकिंग की जानकारी दी।

जिस पर मंत्री नन्दी ने अधिकारियों से कहा कि जीपीएस की ट्रैकिंग दिखाएं, लेकिन अधिकारी दिखा नहीं सके। जिस मंत्री नन्दी ने कहा कि जीपीएस की ट्रैंिकंग कभी भी और कहीं से भी हो सके, इसके लिए एप बनाएं। एक्सप्रेसवे पर होने वाले दुर्घटनाओं की जानकारी तत्काल हो इसकी भी व्यवस्था करें।

मंत्री नन्दी ने कहा कि एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह कैमरे तो लगे हैं, लेकिन यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। कहीं कोई हादसा होता है तो पता नहीं चल पाता है। इसलिए पूरा एक्सप्रेसवे कैमरे से कवर हो जाए, इसकी व्यवस्था करें। घटना-दुर्घटना होने पर पीड़ित तक जल्द से जल्द राहत पहुंच सके, इसकी तत्काल व्यवस्था करें।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा चित्रकूट

अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के जरिाये बताया कि चित्रकूट को बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए योजना बनाई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे पर भरतकूप के पास तीन किलोमीटर पहले चित्रकूट एयरपोर्ट तक 20 किलोमीटर लम्बा लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है। जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।

यूपी डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की प्रगति से अवगत कराते हुए अधिकारियों ने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर के 6 नोड के लिए 106 एमओयू साइन हुए हैं, जिसमें से 36 एमओयू ग्राउण्ड पर हैं। 70 एमओयू को धरातल पर उतरने की प्रक्रिया जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ में तैयार हो रहा पहला ब्रम्होस मिसाइल अक्टूबर के बाद सबके सामने आ जाएगा। बैठक में औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास नरेंद्र भूषण के साथ ही सभी अधिकारीगण उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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