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प्रादेशिक

केजरीवाल ने जाहिर की मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की आशंका, भाजपा को घेरा

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार को जमकर घेरा। केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की आशंका जाहिर करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी मंत्री, विधायक और कार्यकर्ताओं से जेल जाने के लिए तैयार रहने को कहा है।

केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है वो देश के लिए एक काला दिन था जब न केवल इस देश बल्कि पूरी दुनिया को मोहल्ला क्लीनिक की अवधारणा देने वाले सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया। उन्हें जेल में डाल दिया, लेकिन लोग अब भी उन पर विश्वास करते हैं, वे कहते हैं कि वह ईमानदार हैं।

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के लोग धमकी दे रहे कि अगस्त के अंत तक मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार कर लेंगे। क्या वह चोर दिखते हैं? मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के 18 लाख बच्चों का भविष्य बनाया है। आपके 19 राज्यों के स्कूल एक तरफ और दिल्ली के स्कूल एक तरफ।

उन्होंने कहा हम भाजपा नहीं डरते। आतिशी, अमानतुल्लाह जैसे आप विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते हमारे एक कार्यकर्ता से 10 घंटे तक पूछताछ की थी।

केजरीवाल ने विधानसभा में आरोप लगाया कि एमसीडी चुनाव की इजाजत नहीं देने को लेकर केंद्र सरकार बल प्रयोग करने के साथ गुंडागर्दी कर रही है। पहले विपक्षी पार्टी के लोग कहते थे दिल्ली के शिक्षक पढ़ाते नहीं थे। ये वही टीचर हैं हमने इन्हें नहीं बदला है, इन्होंने क्रांति करके दिखाई है।

एक बार एमसीडी हमारे हाथ में आ जाए, तो यही सफाई कर्मचारी पूरी दुनिया के अंदर दिल्ली का नाम रौशन करके दिखाएंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि एमसीडी चुनाव समय पर कराने के लिए हमें अदालत का रुख करना होगा और हम ऐसा करेंगे।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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