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प्रादेशिक

खादी महोत्‍सवः स्वदेशी उत्पाद लोगों को खूब आ रहे हैं पसंद, अब तक 2.33 करोड़ रुपए की हुई बिक्री

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लखनऊ। खादी महोत्‍सव लोगों के लिए इस बार बेहद ही खास है। दीवाली के मद्देनजर इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान में 16 अक्‍टूबर से सजे खादी सिल्‍क महोत्‍सव 2021 में इस बार खादी के साथ सजावटी सामान लोगों को अपनी ओर लुभा रहे हैं।

जिसका नतीजा है कि अब तक खादी महोत्सव में लगभग दो करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक की बिक्री हो चुकी है। महोत्‍सव में आए दुकानदारों ने बताया कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अपील के बाद लोग इस बार पर्व के चलते स्‍वदेशी उत्‍पादों की खरीदारी ज्‍यादा कर रहे हैं।

पहले स्‍वदेशी उत्‍पादों की मांग धीरे धीरे कम हो गई थी पर प्रदेश सरकार की एक जनपद एक उत्पाद की योजना, माटी कला बोर्ड से जुड़ी योजनाओं से जुड़कर एक ओर लोग आत्‍मनिर्भर बन रहे हैं वहीं इन स्‍वर्णिम योजनाओं के चलते स्‍वेदेशी उत्‍पादों की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है।

खादी के साथ सिल्‍क और माटी के बेहतरीन उत्‍पादों का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। खादी महोत्‍सव से ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा मिल रहा है। लखनऊ की चिकनकारी, भदोही की कालीन, वाराणसी का सिल्क, गोरखपुर का टेराकोटा, फिरोजाबाद का ग्लास, बंदायू की जरी जरदोजी जैसे उत्‍पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। इसके साथ ही जूट, घास और बांस आदि के ईको फ्रेंडली उत्पाद लोगों को लुभा रहे हैं।

माटी कला बोर्ड घोल रहा स्‍वदेशी उत्‍पादों की मिठास

बाराबंकी के डिवाइन लाइफ हर्बल स्‍टाल पर बॉस से बना हार, इयररिंग, कप, स्पीकर, लैंप और अन्य सजावट का सामान की खरीदारी लोग जमकर कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के स्‍टॉल पर 80 रुपये से लेकर 7000 तक की घास की चटाई उपलब्ध है। झांसी से आए भागीरथ प्रजापति ने बताया कि आदर्श माटी कला सहकारी समिति स्‍टॉल पर मिट्टी से बने हुए सभी प्रकार के बर्तनों की प्रदर्शनी लगाई है।

यहां पर मिट्टी के गिलास, प्रेशर कुकर और दाल हांडी की मांग काफी है। भगीरथ कहते हैं की हमारे आसन से लेकर 7,000 रुपये की पास 150 रुपये के मिट्टी के कप से लेकर 1,150 रुपये का प्रेशर कुकर बाम, फ्लोटिंग कैंडल और लिपबाम जैसे उत्पाद शामिल हैं।

इनकी कीमत 600 रुपये से 1400 रुपये के बीच है। भागीरथ प्रजापति ने बताया कि माटी कला बोर्ड के जरिए हम लोगों को काफी मदद मिली है। पीएम और सीएम की अपील के बाद कुम्‍हारों की जिंदगी आज कई सालों बाद खुशियों से रोशन हुई हैं। आज चीन के उत्‍पादों की अपेक्षा लोग दीवाली पर मिट्टी के बने उत्‍पादों को खरीद रहे हैं।

ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई जूट ज्‍वैलरी ने जीता सबका दिल

जूट आर्टिशंस गिल्ड के स्टाल पर जूट की ज्वेलरी आकर्षण का केंद्र है। यहां पर जूट से ही बने इयररिंग, गले का हार, मांग टीका का सेट समेत ऐसी तमाम चीजें मिल सकती है। इसके बारे में सृष्टि बताती हैं कि इन सभी उत्पादों को गांव की महिलाओं ने तैयार किया है। उन्‍हों कहा कि सीएम की स्‍वर्णिम योजनाओं का ही नतीजा है कि आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आत्‍मनिर्भर बन रहीं हैं।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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