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प्रादेशिक

लखनऊ के सेन्ट्रम होटल में हुई केकेजी सब्जी मसाले की लॉन्चिंग, शुद्धता की पूरी गारंटी

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लखनऊ। मिलावटी दुनिया में शुद्धता की गारंटी के साथ अपनी एक अलग पहचान बनाने एक नाम सामने आया है, जो जल्द ही लोगों के किचन से होकर लोगों के दिलों पर राज करेगा। हम बात कर रहें है केकेजी सब्जी मसालों की। जिसकी लॉन्चिंग आज लखनऊ के सेन्ट्रम होटल में की गई। जिसकी मैन्युफैक्चरिंग श्री परमहंस साल्युशन द्वारा की गई।

वहीं लॉन्चिंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रूप में संतोश कुमार, कौशल किशोर, सुशील कुमार राय पहुंचे। बता दें कि इसकी मार्केटिंग जीजीएसए फूड एंड बीवेरेजेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की जा रही है।

इस दौरान कंपनी की एमडी गरिमा राय ने कहा कि शुद्ध मसाले उचित दाम पर सभी ग्राहको तक पहुंचे यह हमारा उद्देश्य है। साथ ही केकेजी सब्जी मसाले की पैकेजिंग पर खासा ध्यान दिया गया है। उन्होने कहा कि हमारा लक्ष्य मसालों की दुनिया में एक अलग पहचान बनाना है।

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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