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उत्तर प्रदेश

ज्ञान, विज्ञान और तकनीकी भारत के डीएनए में : मुख्यमंत्री

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञान, विज्ञान और तकनीकी भारत के डीएनए में है। अपार संभावनाओं से परिपूर्ण हमारे युवाओं की तरफ पूरी दुनिया नई उम्मीद से देख रही है। निश्चित ही आने वाला समय भारत है। युवा संघर्षों से अपनी राह बनाएं, सफलता कदम चूमेगी।

सीएम योगी गुरुवार को गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की तरफ से संचालित महाराणा प्रताप इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमपीआईटी) के प्रथम बैच के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के साथ संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में ज्ञान, विज्ञान और श्रम की त्रिवेणी अनवरत प्रवाहित है। परंपरा, परिश्रम और प्रगति हमारी प्रवृत्ति का हिस्सा है। यही प्रवृत्ति हमें दुनिया में सबसे विशिष्ट बनाती है। आवश्यकता है खुद को वैश्विक स्तर के अनुरूप खुद को तैयार करने की। हमें अभिभावकों की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरना है। इसके लिए छात्र और शिक्षक कदम से कदम मिलाकर चलें। नेशनल-इंटरनेशनल जर्नल्स का नियमित अध्ययन करें और खुद को ई-लाइब्रेरी की तरफ अग्रसर करें। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी तकनीकी पर ध्यान देना चाहिए जो जीवन को सरल और सहज बनाए, समस्याओं का समाधान करे। ऐसी तकनीकी पर फोकस करने की आवश्यकता है जो प्रकृति के साथ समन्वय बनाकर विकास को नई ऊंचाई पर ले जाए।

रोजगार का बड़ा हब बन रहा उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश रोजगार का बड़ा हब बन रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश आज के तकनीकी दौर की महत्वपूर्ण जरूरत सेमी कंडक्टर का हब बनने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुका है। इसमें सीधे निवेश के साथ कई गुना चक्रीय निवेश भी हो रहा है। इसके अनुरूप प्रशिक्षित श्रम उपलब्ध कराने के लिए आगे आने की जिम्मेदारी तकनीकी संस्थाओं की है।

एमपीआईटी परिसर में बन रहा पूर्वी यूपी का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

सीएम योगी ने कहा कि कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनियाभर में विख्यात सिलिकॉन वैली में भारत का दबदबा है और इसमें उत्तर प्रदेश के युवाओं की बड़ी हिस्सेदारी है। सिलिकॉन वैली, हैदराबाद और बेंगलुरु के बाद उत्तर प्रदेश को भी इस दिशा में तीव्रतम गति से आगे बढ़ना है। इसी लक्ष्य को लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला स्टेट ऑफ आर्ट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस महाराणा प्रताप इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमपीआईटी) में स्थापित हो रहा है। विश्व स्तरीय मानक के अनुरूप यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पूर्वी उत्तर प्रदेश के पंद्रह अन्य तकनीकी शिक्षण संस्थानों के लिए भी महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया किएमपीआईटी परिसर के अलग-अलग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ड्रोन टेक्नोलॉजी एंड थ्री डी प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी, समेत कई एकीकृत पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे। ग्लोबल स्टैंडर्ड के पाठ्यक्रम से जुड़कर विद्यार्थी यहां प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स, माइनर डिग्री कोर्स और एडवांस कोर्स के जरिये खुद को संबंधित उद्योग-सेवा के क्षेत्र के अनुरूप तैयार कर सकेंगे।

ग्लोबल डिमांड के अनुरूप तैयार हों पाठ्यक्रम

संवाद कार्यक्रम में सीएम योगी ने फैकल्टी का आह्वान किया कि वे ग्लोबल मार्केट की डिमांड का अध्ययन करें और उसके अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करें। हमारा जोर मॉडर्न एज कोर्सेज पर होना चाहिए। उन्होंने बताया कि टाटा कंसल्टेंसी इस पर खासा काम कर रही है। यदि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में यदि हम मॉडर्न एज कोर्सेज पर फोकस करेंगे तो यह शत प्रतिशत प्लेसमेंट की गारंटी होगी।

पांच साल में यूपी का टॉप इंस्टिट्यूट बनाएं एमपीआईटी को

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1956 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने पहला पॉलिटेक्निक शुरू किया था। आज महाराणा प्रताप पॉलिटेक्निक प्रदेश के टॉप पोलिटेक्निक्स में से एक है। इसी प्रेरणा से हमें मिलकर महाराणा प्रताप इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमपीआईटी) को आने वाले पांच साल में यूपी का टॉप इंस्टिट्यूट बनाना है। इसके लिए आवश्यक है कि संस्था को इंडस्ट्री से जोड़ा जाए और युवाओं को सतत स्किल्ड बनाया जाए।

छात्रों के प्रश्नों पर सीएम ने किया मार्गदर्शन

एमपीआईटी के प्रथम बैच के छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम में कई विद्यार्थियों में ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी, रोजगार आदि विषय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रश्न भी किए। सीएम योगी ने सभी के प्रश्नों पर अपना मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल भी उपस्थित रहे। संवाद कार्यक्रम में स्वागत संबोधन एमपीआईटी के निदेशक डॉ. सुधीर अग्रवाल ने तथा आभार ज्ञापन एमपी पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य डॉ. अनिल प्रकाश सिंह ने किया।

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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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