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जुर्म

लखनऊ: आतंक की नर्सरी चलाने वाला अब्दुल माजिद अरेस्ट, वसीम का है खासमखास

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अब्दुल माजिद

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में आतंक की पाठशाला चलाई जा रही थी, जहां पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI-पीएफआई) से जुड़े सदस्य आतंकी बनने की ट्रेनिंग दे रहे थे। आतंक की इन फैक्ट्रियों को देशभर में नेस्तनाबूद करने के लिए NIA द्वारा पिछले दिनों पीएफआई और उसके राजनीतिक संगठन एसडीपीआई के ठिकानों पर छापेमारी कर इनसे जुड़े सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

इसमें लखनऊ के इंदिरा नगर से पीएफआई के यूपी अध्यक्ष वसीम अहमद उर्फ बबलू और एसडीपीआई के मोहम्मद अहमद बेग की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं।

माजिद की हुई है गिरफ्तारी

इसी क्रम में अब यूपी एसटीएफ ने रविवार की रात लखनऊ के गोमतीनगर के विभूति खंड बस अड्डे से पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद के खासमखास अब्दुल माजिद को गिरफ्तार किया है। माजिद काकोरी का रहने वाला है। उसके पास से मिले मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में देश विरोधी आपत्तिजनक चीजें मिली हैं।

माजिद शहर छोड़ भागने की फिराक में था उसकी गिरफ्तारी गैर कानूनी गतिविधियों के कानून यूएपीए के तहत हुई है। माजिद मुस्लिम युवाओं को भड़का कर पीएफआई का नेटवर्क बढ़ा रहा था।

माना जा रहा है कि माजिद की गिरफ्तारी पीएफआई और एसडीपीआई के पहले गिरफ्तार हुए सदस्यों की पूछताछ के बाद हुए खुलासों के चलते हुई है। उसके पास से मिली सामग्रियों से नेटवर्क के अन्य लोगों तक पहुँचने में सुरक्षा एजेसियों को मदद मिलेगी।

एटीएस, यूपी एसटीएफ और एनआईए की गिरफ्त में आए संदिग्धों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि सामाजिक कार्य और शिक्षा के लिए दिए जाने वाले जकात और चंदे की रकम से आतंकी पाठशाला का संचालन हो रहा था। इस खुलासे ने सनसनी मचा दी है।

क्या है जकात?

दरअसल, मुसलमान अपनी कमाई का करीब ढाई फीसदी हिस्सा जकात या दान देते हैं। कई लोग सीधे गरीबों को पैसे दान में देते हैं, तो कई लोग सामाजिक और शिक्षा के कार्य में लगी संस्थाओं को दान देते हैं। इन पैसों से आतंक की फैक्ट्री तैयार कर लिए जाने का मामला सामने आया है। अब इन फैक्ट्रियों पर यूपी में बड़ी कार्रवाई हो रही है।

गिरफ्त में आए संदिग्धों से लगातार पूछताछ चल रही है। इसमें चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि इनकी फंडिंग में मुख्य रूप से रिहैब इंडिया फाऊंडेशन शामिल रही है। रिहैब इंडिया का मुख्यालय दिल्ली में है। लखनऊ में भी इस संगठन की गतिविधियां चल रही हैं।

अब ईडी का ऐक्शन हो सकता है शुरू

संदिग्धों से पूछताछ में जिस प्रकार की बातें सामने आ रही है उसके बाद दावा किया जा रहा है कि जल्द ही ईडी पूरे मामले में एक्शन में दिख सकती है। दरअसल, रिहैब इंडिया फाउंडेशन का इस पूरे घटनाक्रम में नाम आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय फंडिंग करने वालों का पता लगाने में जुट गई है।

फंडिंग रिहैब इंडिया फाउंडेशन के जरिए होने का मामला सामने आने के बाद अब पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। रिहैब इंडिया फाउंडेशन ने 20 से 25 मुस्लिम देशों में अपना नेटवर्क फैला रखा है। मुस्लिम देशों से फाउंडेशन को जकात और चंदे के रूप में काफी धनराशि मिलती है।

फाउंडेशन की मदद से मदरसों तक पैसे पहुंचाए जाते हैं। मदरसे भी इस रकम के साथ अन्य सोर्सेज से मिली धनराशि को पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों को भेजते थे। इन पैसों का उपयोग पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े सदस्यों एवं इससे जुड़े अन्य संगठनों की ओर से युवाओं को बरगलाने के लिए किया जाता है।

टेरर फंडिंग के पूरे नेटवर्क में निशाने पर जरूरतमंद लोगों को लेते थे। उन्हें अपने नेटवर्क में लाकर पहले ये लोग उनका माइंडवाश करते थे। ये लोग गैर मुस्लिमों के लिए उनके मन में नफरत का भाव पैदा करते थे।

पूछताछ में यह भी तथ्य सामने आया है कि मुस्लिम युवाओं को इस्लामिक कट्टरपंथी बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाती थी। उन्हें आतंकी संगठनों में काम करने के लिए भी तैयार किया जाता था। यह पूरा नेटवर्क लखनऊ और आसपास के जिलों में काफी सक्रिय था।

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धर्म परिवर्तन में भी संलिप्तता

पीएफआई और एसडीपीआई के गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा यह भी हुआ है कि यह लोग युवाओं के जरिए धर्मांतरण भी कराते थे। इनके निशाने पर गैर मुस्लिम लड़कियां और महिलाएं होती थी।

अहमद बेग ने अपने यूट्यूब पर चैनल पर सिर तन से जुदा करने का वीडियो भी डाला था। अहमद बेग के लैपटॉप और मोबाइल से कई चौंकाने वाले ईमेल मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियां उसे डिकोड कर रही हैं।

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ब्राउन शुगर तस्कर रुकसाना बीबी उर्फ ‘स्कूटी दीदी’ को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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ओडिशा। ओडिशा के बालासोर जिले के जलेश्वर थाना क्षेत्र में पुलिस ने मादक पदार्थों के तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने कुख्यात ब्राउन शुगर तस्कर रुकसाना बीबी उर्फ ‘स्कूटी दीदी’ को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने यह गिरफ्तारी शेख बागड़ बस्ती में मिली गुप्त सूचना के आधार पर हुई छापेमारी के दौरान की गई.

कोलकाता पुलिस ने ‘स्कूटी दीदी’ के पति को किया था अरेस्ट : सूत्रों के अनुसार, करीब 20 महीने पहले कोलकाता पुलिस ने ‘स्कूटी दीदी’ के पति को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि इसके बाद रुखसाना ने ही पति के अवैध ड्रग्स के कारोबार को संभाल लिया. वह कथित तौर पर पश्चिम बंगाल में ड्रग्स कारोबारियों से मादक पदार्थ की खेप मंगवाती थी. इस काम में उसके एक रिश्तेदार के भी शामिल होने की आशंका जतायी गयी है. इसके अलावा आरोपी महिला के राजपुर गांव के एक अन्य तस्कर से ब्राउन शुगर खरीदने की भी जानकारी मिली है. पुलिस उसके सभी साथियों का पता लगाने की कोशिश में जुटी है.

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक,

दो साल पहले पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने एस.के.रशीद को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। उस समय उसके पास से बड़ी मात्रा में हेरोइन और 10 लाख रुपये नकद और एक कार जब्त की गई थी। एसडीपीओ ने बताया कि रुकसाना के बहनोई और पति दोनों इस तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थे। जलेश्वर पुलिस ने रुकसाना के माता-पिता को भी गिरफ्तार किया है। जो इस काम में उसकी मदद कर रहे थे। छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों से अहम सुराग भी जुटाए हैं। जलेश्वर एसडीपीओ ने कहा, ‘ब्राउन शुगर माफिया के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी रहेगी। यह गिरफ्तारी इस नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।’

 

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