उत्तर प्रदेश
लखनऊ: कोर्ट के अंदर बदमाश संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या, आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में SC/ST कोर्ट के अंदर कुख्यात बदमाश संजीव जीवा उर्फ महेश्वरी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। गोलीबारी में सौरभ नाम के व्यक्ति के बच्ची की गोली लगने से घायल होने की खबर है। इसके अलावा एक सिपाही के भी पैर में गोली लगी है दोनों का बलरामपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है।
गोलीबारी के बाद वहां पर हड़कंप मच गया। गोलीबारी के दौरान कोर्ट में बहस चल रही थी। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गयी है और जांच पड़ताल शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि कुख्यात बदमाश संजीव जीवा को गोली मारने वाला बदमाश वकील की ड्रेस में कोर्ट परिसर में पहुंचा था, जहां उसने संजीव जीवा को निशाना बनाते हुए गोली मार दी।
मुख्तार अंसारी का था करीबी
बता दें कि संजीव जीवा उर्फ महेश्वरी की गिनती माफिया मुख्तार अंसारी के करीबियों में होती है। कई सनसनीखेज हत्याकांड में भी संजीव जीवा का नाम आ चुका है। कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी संजीव जीवा का नाम सामने आया था।
पश्चिमी उप्र का कुख्यात अपराधी संजीव जीवा कभी एक कंपाउंडर हुआ करता था, जिसने अपने ही मालिक का किडनैप कर लिया था। बताया जा रहा है कि संदीप जीवा को मारने वाला अपराधी पुलिस की गिरफ्त में है। गोलीबारी के दौरान आठ राउंड गोली चलने की सूचना है।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ
लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।
फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।
तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल
वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।
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