प्रादेशिक
मध्यप्रदेशः जनसंपर्क विभाग के उच्च अधिकारियों से महिला पत्रकार की अभद्रता
मध्यप्रदेश। गुरुवार का दिन मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग के लिए कभी न भूला जाने वाले दिन बन गया। दरअसल जनसंपर्क विभाग में बुधवार दोपहर लगभग 1.30 बजे पहुंची एक महिला पत्रकार काजल तिवारी जनसंपर्क विभाग के डायरेक्टर से मुलाकात में देरी होने पर विफर गईं। जानकारी के अनुसार यह महिला पत्रकार जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक सुरेश गुप्ता से मुलाकात करने पहुंची थी, जहां उन्होंने विज्ञापन देने का आग्रह किया था। अपर संचालक द्वारा संतोषजनक जबाव न मिलने पर उनके साथ महिला पत्रकार ने बहुत ज्यादा ही अभद्र व्यवहार किया।
महिला पत्रकार काजल तिवारी ने लांघी अभद्रता की सारी सीमाएं
महिला पत्रकार अगले दिन यानि गुरुवार को फिर जनसंपर्क विभाग के संचालक आशुतोष प्रताप सिंह से मुलाकात करने पहुंची। जहां पत्रकार काजल तिवारी ने न सिर्फ सुरेश गुप्ता, बल्कि संचालक जनसंपर्क आशुतोष प्रताप सिंह, जनसंपर्क कमिश्नर राघवेन्द्र सिंह सहित जनसंपर्क विभाग के छोटे व बड़े सभी कर्मचारियों को खरी खोटी सुनाईं। साथ ही सारी मर्यादाओं को लांघते हुए कर्मचारियों पर चप्पल तक उठा ली। गुस्से से भरी यह महिला पत्रकार अपनी सारी सीमाएं लांघी गई और उसने सभी अधिकारियों के लिए अभद्र शब्दों का उपयोग तक कर डाला। यह वाक्या निश्चित तौर पर पत्रकारों की गरिमा को कम करने वाला है। पत्रकार समाज का आईना होते हैं। यदि कोई बात है या समस्या है तो शालीनता से, लेखनी के माध्यम से अपनी बात कहनी चाहिए।
मिलनसार हैं संचालक जनसंपर्क आशुतोष प्रताप सिंह
देखा जाए तो मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के वर्तमान संचालक आशुतोष प्रताप सिंह मिलनसार और सौम्य अफसर हैं। इससे पहले भी कई अफसर इस पद पर आये लेकिन उन्होंने कभी भी इतने मिलनसार ढंग से पत्रकारों की बातें नहीं सुनी और न ही उनका कभी कोई जरूरी काम किया। लेकिन आशुतोष प्रताप सिंह उन सभी अफसरों से बिल्कुल अलग हैं। वे पहले ऐसे अफसर हैं जो हर पत्रकारों से मिलते भी हैं औऱ उनसे उनकी पूरी बात सुनने के बाद निष्कर्ष भी निकालते हैं। लेकिन महिला पत्रकार द्वारा की गई इस अभद्रता से कहीं न कहीं संचालक जनसंपर्क आहत हुए हैं, जिसका नुकसान आगे चलकर पत्रकार वर्ग हो सकता है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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