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महाराष्ट्र: एक्शन पर एकनाथ शिंदे का तुरंत रीएक्शन, कहा- हिंदुत्व से कभी गद्दारी नहीं की

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मुंबई। शिवसेना के बागी नेता व महाराष्ट्र की एमवीए (महाविकासअघाडी) सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने उन्हें शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है, हालाँकि इस एक्शन का एकनाथ शिंदे की ओर से तुरंत रीएक्शन भी हुआ।

एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर सत्ता के लिए हिंदुत्व से धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, ‘हम बालासाहेब ठाकरे के कट्टर शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व की सीख दी थी। हमने कभी इससे धोखा नहीं किया था और न ही कभी हिंदुत्व से गद्दारी करेंगे। हम बालासाहेब ठाकरे की सिखाई हुई बातों के साथ हैं।’

एकनाथ शिंदे के ट्वीट से जाहिर है कि वह भाजपा के साथ जाने की तैयारी में हैं। उद्धव ठाकरे को बालासाहेब की हिंदुत्व की सीख याद दिलाते हुए शिंदे ने साफ कर दिया है कि शिवसेना की गठबंधन सरकार से संतुष्ट नहीं थे। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के स्थान पर सेवरी के विधायक अजय चौधरी को पार्टी के विधायक दल के नेता पद की जिम्मेदारी दी है।

शिवसेना और एकनाथ शिंदे के करीबी सूत्र बताते हैं कि शिंदे को बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद नेताओं में से एक माना जाता था। वह पार्टी में किनारे लगाए जाने से नाराज थे। वह एनसीपी को गठबंधन में ज्यादा महत्व मिलने से नाराज थे।

एक तरफ उद्धव ठाकरे सीएम बन गए और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को भी मंत्री पद मिल गया, लेकिन शिवसैनिकों की समस्याओं को सुनने के लिए कोई नेता उपलब्ध नहीं था। ऐसे तमाम मुद्दों पर एकनाथ शिंदे की लीडरशिप से नाराजगी बढ़ती चली गई।

कहा यह भी जा रहा है कि एकनाथ शिंदे खुद को सीएम के तौर पर देख रहे थे, लेकिन एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन के अप्रत्याशित तौर पर उद्धव ठाकरे ही सीएम बन गए थे।

गौरतलब है कि शिवसेना के 26 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सूरत में कैंप कर रहे हैं। एक तऱफ उद्धव ठाकरे ने आपातकालीन बैठक बुला ली है तो वहीं उत्साहित भाजपा के सीनियर नेताओं की दिल्ली में बैठक चल रही है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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