Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलीं मायावती- मुसलमानों का हो रहा है उत्पीड़न

Published

on

Loading

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूपी में खासतौर से धार्मिक अल्पसंख्यकों यानी मुस्लिमों की तरक्की रोकी जा रही है और फर्जी मुकदमे लगाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

मायावती ने लखनऊ में पार्टी के कार्यालय में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी की समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा तो मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार करती है। प्रदेश का मुसलमान भाजपा सरकार से काफी दुखी भी हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज पर फर्जी केस लिखे जा रहे है।

अब तो नए-नए नियम बनाकर इनको परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बसपा की सरकार बनने के बाद हम अपनी सरकार में सभी का ध्यान रखेंगे। हमारी सरकार के कार्यकाल में मुस्लिम के साथ जाट के सभी हित व कल्याण का ध्यान रखा जाएगा।

मायावती ने कहा कि केन्द्र में शासन के दौरान कांग्रेस सरकार ने अपने समय में आरक्षण लागू नहीं किया था। आरक्षण को लेकर मायावती ने कांग्रेस पर वार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं की थी। देश में एससी व एसटी को अभी जो भी सुविधाएं मिलीं हैं, वो सब बाबा साहेब की देन हैं।

उन्होंने कहा कि जब बसपा की सरकार थी तो जाटों मुस्लिमों की तरक्की जान माल की सुरक्षा का हमेशा ख्याल रखा गया। उन्होंने कहा कि सरकार आने पर फिर से इस वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रखा जाएगा। मायावती ने कहा कि सुरक्षित सीटों के अलावा सामान्य सीटों पर भी ओबीसी जाट मुस्लिम दलित और ब्राह्मण फामूर्ला कार्य करेगा। उन्होंने ओवैसी चंद्रशेखर आदि किसी से भी बात करने या गठबंधन से इनकार किया और कहा कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। साथ ही 12 निलंबित सांसदों से भी बात करने को कहा। उन्होंने कहा कि संसद को इतना कड़ा रुख अख्तियार नहीं करना चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए।

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आज चुनावी तैयारियों की समीक्षा करूंगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। हमने बीते दिनों में सुरक्षित विधानसभा सीटों के लिए बैठक की थी। हमने आज ओबीसी समाज के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इन सभी को सुरक्षित सीटों पर अधिक से अधिक लोगों को बसपा से जोडने की जिम्मेदारी दी गई है।

लखनऊ में बसपा कार्यालय में आज ओबीसी, अल्पसंख्यक समाज के मुस्लिम और जाट समाज के मुख्य और मंडल सेक्टर स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई, जिनको प्रदेश की सुरक्षित विधानसभा सीटों पर अपने-अपने समाज के लोगों को बसपा में जोडने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

Continue Reading

Trending