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MCD मेयर चुनाव पर ‘सुप्रीम’ आदेश, 24 घंटे के भीतर जारी किया जाए नोटिस

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Muslim side also got a blow from SC in Shri Krishna Janmabhoomi dispute

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नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मेयर के चुनाव और MCD की पहली बैठक के लिए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह नोटिस 24 घंटे के भीतर ही जारी किया जाए। बता दें कि इस नोटिस में तारीख का उल्लेख करना भी जरूरी है, जिस दिन मेयर पद का चुनाव होना है।

केजरीवाल ने बीजेपी पर साधा निशाना

चुनाव को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि SC का आदेश जनतंत्र की जीत है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद करते हुए ट्वीट में लिखा कि ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। साथ ही केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला भी किया है। केजरीवाल ने कहा कि अब ये साबित हो गया है कि LG और BJP मिलकर आये दिन दिल्ली में गैरकानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित करते हैं। SC का आदेश जनतंत्र की जीत। SC का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा।

शैली ओबेरॉय ने दायर की थी याचिका

दिल्ली मेयर चुनाव में हो रही देरी को लेकर आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि MCD मेयर चुवाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं कर सकते हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही फैसला सुना दिया था कि मनोनित सदस्य वोट नहीं डाल पाएंगे।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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