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गुजरात चुनाव में उप्र व अन्य राज्यों के मंत्री दिलाएंगे भाजपा को जीत  

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अहमदाबाद। भारत निर्वाचन आयोग ने अभी भले ही गुजरात (Gujrat) विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान न किया हो लेकिन पिछले 24 सालों से राज्य की सत्ता पर काबिज़ भारतीय जनता पार्टी कोई ख़तरा मोल न लेकर अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहती है।

इसके लिए भाजपा ने चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है। खबर है कि पार्टी ने जिलेवार और सीटवार नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि कई राज्यों के बड़े मंत्री भी प्रचार के लिए गुजरात का रुख कर सकते हैं।

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जानकारी के मुताबिक भाजपा ने 182 सीटों वाले Gujrat को 4 हिस्सों, उत्तर, पश्चिम, मध्य क्षेत्र और सौराष्ट्र में बांटा है। एक समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि राज्य के मंत्रियों, विधायकों, पूर्व विधायकों और आरएसएस से जुड़े लोगों को क्षेत्रों और जिलेवार जिम्मेदारियां दी गई हैं। उप्र, महाराष्ट्र, राजस्थान और मप्र के नताओं को क्रमश: सौराष्ट्र, पश्चिम, उत्तर और मध्य क्षेत्र की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

कांग्रेस की सीटों पर यूपी के मंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्रियों को कांग्रेस के नियंत्रण वाली सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों ने बताया कि स्वतंत्र देव सिंह को अंबासा, मांडवी, भुज, अंजर, गांधीधाम और रापड़ दिए गए हैं।

राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांद बाजपेयी को जूनागढ़ क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है। बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जूनागढ़, विश्वाधार, मंगरोल, मनवदार में जीत दर्ज की थी। जबकि, भाजपा यहां केवल केशोद सीट जीत सकी थी।

इस सीटों की जिम्मा मप्र के नेताओं को

मप्र के नेताओं को मध्य क्षेत्र का जिम्मा सौंपा गया है। सूत्रों के मुताबिक, अनुसूचित जनजाति को ध्यान में रखेत हुए मप्र के दो नेताओं को दो-दो सीटें दी गई हैं। मध्य गुजरात में 7 जिले हैं और यहां की 37 सीटों पर भाजपा का शासन है।

इनमें दाहोद, महिसागर, मेहसाणा और बड़ौदा शहरी सीट का नाम शामिल है। मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बनासकांठा का काम देखेंगे। उनके अलावा अरविंद सिंह भदौरिया के पास भरूच और इंद्र सिंह परमार के पास खेड़ा का जिम्मा है।

राजस्थान के मंत्रियों की भूमिका

गुजरात (Gujrat) के उत्तर क्षेत्र में राजस्थान से आए प्रवासियों की संख्या काफी ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य के 18 से 20 प्रतिशत मतदाता राजस्थान के प्रवासी हैं। ऐसे में भाजपा ने राजस्थान सरकार में मंत्री सुशील कटारा समेत कुछ नेताओं को क्षेत्र का काम सौंपा है।

राज्य मंत्रियों भी खेलेंगे दांव

राज्यमंत्री जेपीएस राठौर महिसागर जिले के बालासिनोर, लूनवाड़ा और संतरामपुर सीट पर जिम्मेदारी निभाएंगे। बीते चुनाव में भाजपा को संतरामपुर सीट पर सफलता मिली थी। जबकि, कांग्रेस ने बालसिनोर सीट जीती थी। लूनवाड़ा सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में आई थी। राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह राजकोट जिला देखेंगे।

ताजा चुनावी हाल

Gujrat में बीते 24 सालों से भाजपा की सरकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राज्य में 12 साल से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहे। उनसे पहले केशुभाई पटेल ने भी यह पद संभाला। मोदी के बाद आनंदीबेन पटेल, विजय रूपाणी भी सीएम रहे और फिलहाल यह गद्दी भूपेंद्र पटेल संभाल रहे हैं।

खास बात है कि इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी भी दम भर रही है, जिसके चलते मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है। सर्वे बताते हैं कि राज्य में अभी भी मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के ही बीच है। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो रहा है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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