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उत्तर प्रदेश

लंबी पूछताछ के बाद विधायक अब्बास अंसारी गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला

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MLA Abbas Ansari arrested

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प्रयागराज। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार देर रात माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को नौ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। रात करीब 12 बजे उसे मेडिकल के लिए लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच मोतीलाल नेहरू जिला चिकित्सालय (कॉल्विन अस्पताल) ले जाया गया।

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इसके बाद उसे दोबारा ईडी दफ्तर लाकर नजरबंद कर दिया गया। फिलहाल ईडी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया। माफिया मुख्तार अंसारी पर पिछले साल जुलाई में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में 20 मई को ही उसके बड़े बेटे अब्बास अंसारी व छोटे बेटे उमर से पूछताछ की गई थी।

पिछले दिनों अब्बास को एक बार फिर ईडी ने समन जारी किया था। शुक्रवार दोपहर दो बजे के करीब अब्बास सिविल लाइंस स्थित ईडी दफ्तर में पहुंचा। यहां करीब आधे घंटे बाद ईडी की टीम ने उससे पूछताछ शुरू की।

अब्बास से करीब नौ घंटे तक ईडी की अलग-अलग टीम ने पूछताछ की। रात करीब 9.30 बजे ईडी दफ्तर परिसर में पुलिस फोर्स का पहुंचना शुरू हो गया। कुछ देर बाद पुलिस के साथ ही पीएसी के जवान भी आ गए और पूरे परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया।

रात 12 बजे के करीब पहले ईडी की टीम दफ्तर से बाहर निकली। इसके बाद अब्बास भी बाहर आया, जो ईडी की हिरासत में था। उसे ईडी अफसर अपनी गाड़ी में बैठाकर दफ्तर से बाहर निकल गए। इस दौरान सिविल लाइंस व खुल्दाबाद थाने की फोर्स भी सुरक्षा में लगी रही।

उसे कड़ी सुरक्षा में हिरासत में लेकर कॉल्विन अस्पताल ले जाया गया। वहां उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। इसके बाद उसे दोबारा ईडी दफ्तर ले जाया गया और वहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।  उसके ड्राइवर रवि कुमार शर्मा (निवासी करंडा गाजीपुर) को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे भी लंबी पूछताछ की गई थी।

कई सवालों का नहीं दे पाया जवाब

मनी लांड्रिंग केस में ईडी की पूछताछ के दौरान विधायक अब्बास अंसारी के पसीने छूट गए। कई सवालों का वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। उससे उसके नाम पर दर्ज संपत्तियों के बारे में पूछताछ की गई। साथ ही उन संपत्तियों को बनाने में लगी आय के स्रोत के बारे में भी जानकारी मांगी गई।

सूत्रों का कहना है कि कई सवालों पर वह चुप हो गया। ईडी को पहले ही उसके खिलाफ कुछ सबूत मिले थे। यही वजह थी कि उसे दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया। जांच में संतोषजनक जवाब न मिलने पर ही उसे गिरफ्तार किया गया।

मोबाइल जब्त

सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान ही ईडी ने अब्बास का मोबाइल भी जब्त कर लिया। आठ घंटे की पूछताछ के बाद रात 10 बजे के करीब ईडी की टीम ने उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया।

ड्राइवर से भी पूछताछ

ईडी ने अब्बास के साथ ही उसके ड्राइवर रवि कुमार शर्मा निवासी करंडा, गाजीपुर से भी पूछताछ की। उसे रात करीब 10 बजे दफ्तर के भीतर बुलाया गया। उसे एक अलग चैंबर में बैठाकर पूछताछ की गई। इस दौरान उससे उसका आईडी प्रूफ व दस्तखत लिए गए।

पिछले महीने जारी किया था लुकआउट नोटिस

मुख्तार पर दर्ज मनी लांड्रिंग मामले की जांच में जुटी ईडी ने पिछले महीने ही अब्बास के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी थी। इसके तहत उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। इससे पहले उसकी मां अफ्शा अंसारी के खिलाफ भी लुकआउट नोटिस जारी हुआ था।

भाइयों व अन्य रिश्तेदारों से हो चुकी है पूछताछ

मुख्तार पर पिछले साल जुलाई में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। इसके लिए उसके खिलाफ लखनऊ व मऊ में दर्ज मुकदमों को आधार बनाया गया था। इस मामले में बेटों के अलावा उसके भाई सांसद अफजाल अंसारी व सिगबतउल्लाह अंसारी को भी बुलाकर घंटों पूछताछ की जा चुकी है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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