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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत विरोध पर मोदी सरकार ने UK-कनाडा को दिखाए सख्त तेवर, दिया कड़ा सन्देश

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नई दिल्ली। ब्रिटेन और कनाडा में सिख कट्टरपंथ, हमलों और हिंदू धर्म के प्रतीकों में तोड़फोड़ की बढ़ती घटनाओं पर भारत की नरेंद्र मोदी सरकार अपना रुख कड़ा करने जा रही है। इन घटनाओं पर बारीक निगाह रख रही भारत सरकार इसको लेकर जल्द ही दोनों देशों को एक संदेश भी भेजने पर विचार कर रही है।

भारत ने लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर कड़ा विरोध जताया है। सरकार यह भी देख रही है कि कैसे ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियां ​​अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए सिख कट्टरपंथियों द्वारा धन संग्रह को नजरअंदाज कर रही है।

मोदी सरकार ने दोनों देशों में भारत विरोधी इन घटनाओं का जवाब देने का फैसला किया है। विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दोनों देशों की घटनाओं पर संज्ञान लिया है।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में रूस द्वारा कराए जाने वाले “जनमत संग्रह” की कड़ी निंदा की है लेकिन, उन्होंने 19 सितंबर को ब्रैम्पटन, ओंटारियो में प्रतिबंधित “सिख फॉर जस्टिस” संगठन द्वारा आयोजित तथाकथित जनमत संग्रह पर आंखें मूंद ली हैं। मोदी सरकार ने ग्लोबल अफेयर्स कनाडा को तीन राजनयिक संदेश भेजे हैं। ट्रूडो सरकार से अवैध जनमत संग्रह को रोकने के लिए कहा है।

हालांकि, ट्रूडो सरकार ने 16 सितंबर को मोदी सरकार को जवाब दिया कि कनाडा भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करता है और इस तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देता है।

यूक्रेन के मामले की तरह कट्टरपंथी सिखों द्वारा आयोजित जनमत संग्रह की पीएम ट्रूडो द्वारा कोई निंदा नहीं की गई। ट्रूडो सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कनाडा में व्यक्तियों को इकट्ठा होने और अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।

कनाडा की प्रतिक्रिया में यह भी कहा गया है कि वे ओंटारियो के ब्रैम्पटन में स्वामीनारायण मंदिर में हाल ही में हुई बर्बरता से व्यथित हैं। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के साथ सभी जानकारी साझा की गई है।

पूरे सिख कट्टरपंथी आंदोलन को इन दोनों देशों में वित्त पोषित किया जाता है। कनाडा को पंजाब के गैंगस्टरों का केंद्र भी माना जता है। भारत ने न केवल ब्रिटेन, कनाडा बल्कि अमेरिका को भी यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत विरोधी सिख कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई न करना मिलीभगत के समान है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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