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प्रादेशिक

मप्र: Manappuram Finance में भीषण डकैती, 16 किलो सोना सहित नगदी की भी लूट

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robbery in Manappuram Finance in MP

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भोपाल। मप्र के कटनी जिले में हथियारों से लैस छह बदमाशों ने फिल्मी स्टाइल में गोल्ड लोन देने वाली मणप्पुरम फाइनेंस (Manappuram Finance) में घुसकर डकैती की घटना को अंजाम दिया है। लुटेरे तकरीबन 16 किलो से अधिक सोना, साढ़े तीन लाख रुपये नगद और एक बाइक लेकर फरार हो गए।

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कटनी जिले में अब तक हुई डकैतियों में ये सबसे बड़ी डकैती बताई जा रही है जिसमें नकाबपोश बदमाशों ने बंदूक की नोक पर इतनी बड़ी डकैती की घटना को अंजाम दिया। घटना की जानकारी लगते ही पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

आनन-फानन में एएसपी, सीएसपी समेत छह थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। डकैती की पूरी घटना बदमाशों ने दिनदहाड़े सुबह दस बजकर 25 मिनट से दस बजकर 40 मिनट के बीच कर द है। उस वक्त एक कर्मचारी गोल्ड लोन फाइनेंस में झाड़ू लगा रहा था।

उसी समय हथियारों से लैस बदमाश मुंह में कपड़ा बांधकर ऊपर से हेलमेट लगाकर अंदर घुसे। बंदूक निकालकर फाइनेंस बैंक में काम कर रहे सभी कर्मचारियों के साथ मारपीट की और उन्हें एक तरफ ले गए। गनपॉइंट पर सभी लॉकर खोल उसमें रखे जेवरात और नगदी को बैग में रखकर भाग निकले। हालांकि, लॉकर खुलते ही बैंक में लगा सायरन आवाज करने लगा लेकिन तब तक आरोपी बहुत दूर निकल चुके थे।

प्रमुख मार्गों पर नाकाबंदी

पुलिस ने डॉग स्क्वॉड और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट्स की मदद से जांच शुरू कर दी है। साथ ही प्रमुख मार्गों पर नाकाबंदी कर दी गई है। एएसपी मनोज केड़िया ने बताया कि रंगनाथ थाना क्षेत्र के बरगंवा इलाके में मणप्पुररम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में चार से छह बदमाशों ने दिनदहाड़े बदूंक की नोक पर लूट की।

लॉकर में रखे जेवरात और नगदी लेकर जबलपुर की ओर भागे हैं। आरोपी 10:25 बजे अंदर घुसे और 10:40 बजे घटना को अंजाम देकर भाग निकले। बात अगर सुरक्षा व्यवस्था की करें तो मौके पर सिक्योरिटी गार्ड भी नहीं मिला। सीसीटीवी फुटेज भी हेड ऑफिस से मंगवाए गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।

लूट के समय छह कर्मचारी थे कंपनी में

मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस में सेल्स मैनेजर ने बताया कि आरोपी 16 किलो सोना और 3.56 लाख रुपये लेकर गए हैं। जब लुटेरे बैंक में घुसे तब कंपनी में छह कर्मचारी थे। उन्होंने महिला कर्मचारी को छोड़कर सबके साथ मारपीट की। डरा-धमकाकर वे सोना और नगदी साथ ले गए।

प्रत्यक्षदर्शी राहुल ने बताया कि डकैतों ने आठ करोड़ रुपये से अधिक की लूट की है। सिर्फ 15 मिनट में इस डकैती को अंजाम दिया गया, जिससे सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठ रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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