प्रादेशिक
पश्चिम बंगालः बीजेपी को झटका, मुकुल रॉय टीएमसी में हुए शामिल
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से हाथों शिकस्त के बाद में अब बीजेपी को एक और झटका लगा है। पश्चिम बंगाल के बीजेपी के बड़े नेता मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में वापस चले आए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सांसद अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में उन्होंने टीएमसी ज्वाइन कर ली है। इस संबंध में ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनके साथ मुकुल रॉय भी मौजूद रहे। ममता ने कहा की बीजेपी में बहुत ज्यादा शोषण है। वहां लोगों का रहना मुश्किल है। बीजेपी सामान्य लोगों की पार्टी नहीं है। ममता ने कहा कि मुकुल घर का लड़का है। उसकी वापसी हुई है।
मेरा मुकुल के साथ कोई मतभेद नहीं है। सीएम ममता ने कहा कि जिन्होंने टीएमसी के साथ गद्दारी की है, उनको पार्टी में नहीं लेंगे। बाकी लोग पार्टी में आ सकते हैं। इस दौरान मुकुल रॉय ने कहा कि मैं बीजेपी छोड़कर TMC में आया हूं, अभी बंगाल में जो स्थिति है, उस स्थिति में कोई बीजेपी में नहीं रहेगा।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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