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उत्तर प्रदेश

नमाज अदा करने का मामला: लुलु मॉल ने दर्ज कराई FIR, जारी किया यह बयान

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लखनऊ। लखनऊ में हाल में ही खुले लुलु मॉल परिसर के अंदर नमाज अदा करने को लेकर मॉल के अधिकारियों ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों), 341 (गलत संयम के लिए सजा) और अन्य प्रासंगिक के तहत एक शिकायत दर्ज कराई है।

जारी बयान में मॉल के अधिकारियों ने कहा कि यह मॉल सभी धर्मों का सम्मान करता है और किसी भी तरह के धार्मिक कार्य या प्रार्थना की अनुमति नहीं देता है। मॉल परिसर के अंदर नमाज अदा करने वाले लोगों के एक समूह का एक कथित वीडियो वायरल होने के बाद प्रबंधन की तरफ से यह बयान जारी किया गया है।

इससे पहले दावा किया गया था कि नमाज़ अदा करने वाले मॉल के कर्मचारी ही थे। मॉल के महाप्रबंधक समीर वर्मा ने कहा कि मॉल के कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मचारियों को ऐसी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

वीडियो वायरल होने के बाद अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कुछ सदस्यों द्वारा मॉल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के बाद इस घटना ने विवाद खड़ा कर दिया। हिंदू समूह ने शुक्रवार को मॉल के सामने सुंदर कांड का पाठ करने के लिए स्थानीय अधिकारियों से भी अनुमति मांगी।

महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा, “एक विशेष समुदाय के लोगों को मॉल के अंदर नमाज अदा करने की अनुमति दी जा रही है। मॉल के अधिकारियों को हिंदुओं और अन्य समुदायों के लोगों को भी प्रार्थना करने की अनुमति देनी चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि गुरुवार को उन्हें मॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

हिंदू समूह ने मॉल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और दावा किया कि मॉल के 70% कर्मचारी मुस्लिम हैं और ऐसा करके वे ‘लव जिहाद’ कर रहे हैं।

बता दें कि लुलु ग्रुप के इस मॉल का उद्घाटन लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में 10 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। इस दौरान ग्रुप के चेयरमैन भारतीय मूल के अरबपति युसूफ अली एमए भी मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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