प्रादेशिक
एमएसएमई से खरीद बढ़ने से 2.25 लाख से अधिक युवाओं को मिले रोजगार के अवसरः नवनीत सहगल
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फ़ॉर लोकल के नारे को असल रूप में चरितार्थ किया है। सीएम योगी ने प्रदेश में दम तोड़ रहे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को न सिर्फ संजीवनी दी है, बल्कि उन्हें फर्श से अर्श पर पहुंचाया है।
साढ़े चार साल में सरकारी विभागों ने जेम पोर्टल से देश में अब तक सबसे ज्यादा 15 हजार करोड़ की खरीदारी की है। इसमें एमएसई से करीब नौ हजार दो सौ करोड़ की खरीदारी हुई है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार एमएसएमई से इतनी बड़ी सरकारी खरीदारी हुई है।
सीएम योगी ने प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को सरकारी क्षेत्र में और बढ़ावा देने के लिए पिछले साल मार्च में आदेश जारी किया था कि हर विभाग अपने सालाना बजट का 25 फीसदी खरीदारी एमएसएमई से करेगा। इसका नतीजा यह हुआ है कि वर्तमान वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक एमएसई से सरकारी खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से 69.6 फीसदी यानि 3855 करोड़ की हुई है। इसके अलावा सरकार ने युवाओं को निशुल्क टैबलेट और स्मार्टफोन देने के लिए भी जेम पोर्टल पर अब तक का सबसे बड़ा खरीद का टेंडर जारी किया है। यह खरीद करीब तीन हजार करोड़ के आसपास होने की उम्मीद है।
सवा दो लाख से अधिक युवाओं को मिले रोजगार के अवसर: डॉ. नवनीत
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी जा रही है। जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार पर रोक लगी है और उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार आया है। इसके अलावा एमएसएमई से खरीद बढ़ने के कारण करीब सवा दो लाख से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिले हैं।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकार्ड 5537 करोड़ की खरीदारी
विभिन्न विभागों ने प्रदेश में जेम पोर्टल से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4675 करोड़ की खरीदारी की गई है। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 5537 करोड़ की खरीद की गई है।
देश में हाल ही में जेम पोर्टल से सबसे ज्यादा सरकारी खरीद में तीसरी बार प्रदेश नंबर वन हुआ है। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवार्ड और 2019 में सुपर बायर अवार्ड से सम्मानित किया था। मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को न सिर्फ संजीवनी दी है, बल्कि उन्हें फर्श से अर्श पर पहुंचाया है।
साढ़े चार साल में सरकारी विभागों ने जेम पोर्टल से देश में अब तक सबसे ज्यादा 15 हजार करोड़ की खरीदारी की है। इसमें एमएसई से करीब नौ हजार दो सौ करोड़ की खरीदारी हुई है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार एमएसएमई से इतनी बड़ी सरकारी खरीदारी हुई है।
सीएम योगी ने प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को सरकारी क्षेत्र में और बढ़ावा देने के लिए पिछले साल मार्च में आदेश जारी किया था कि हर विभाग अपने सालाना बजट का 25 फीसदी खरीदारी एमएसएमई से करेगा। इसका नतीजा यह हुआ है कि वर्तमान वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक एमएसई से सरकारी खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से 69.6 फीसदी यानि 3855 करोड़ की हुई है। इसके अलावा सरकार ने युवाओं को निशुल्क टैबलेट और स्मार्टफोन देने के लिए भी जेम पोर्टल पर अब तक का सबसे बड़ा खरीद का टेंडर जारी किया है। यह खरीद करीब तीन हजार करोड़ के आसपास होने की उम्मीद है।
सवा दो लाख से अधिक युवाओं को मिले रोजगार के अवसर: डॉ. नवनीत
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी जा रही है। जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार पर रोक लगी है और उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार आया है। इसके अलावा एमएसएमई से खरीद बढ़ने के कारण करीब सवा दो लाख से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिले हैं।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकार्ड 5537 करोड़ की खरीदारी
विभिन्न विभागों ने प्रदेश में जेम पोर्टल से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4675 करोड़ की खरीदारी की गई है। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 5537 करोड़ की खरीद की गई है। देश में हाल ही में जेम पोर्टल से सबसे ज्यादा सरकारी खरीद में तीसरी बार प्रदेश नंबर वन हुआ है। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवार्ड और 2019 में सुपर बायर अवार्ड से सम्मानित किया था।
उत्तर प्रदेश
कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम योगी ने सभी मंत्रियों के साथ संगम में लगाई डुबकी, कई प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यूपी कैबिनेट की बैठक बुधवार को प्रयागराज के त्रिवेणी संकुल अरैल सभागार में हुई। बैतहक में यूपी से जुड़े कई अहम प्रस्तावों और योजनाओं को मंजूरी दी गई है। बैठक में यूपी सरकार के सभी 54 मंत्री मौजूद रहे। बैठक के बाद सीएम योगी के साथ सभी मंत्रियों ने संगम में स्नान किया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया।
इन प्रस्तावों को दिखाई हरी झंडी
कैबिनेट बैठक में एक्सप्रेसवे, एयरोस्पेस प्रोजेक्ट समेत कई प्रस्तावों और परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा सभी 54 मंत्री शामिल हुए।
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा
सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा। इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा विंध्य एक्सप्रेसवे का भी ऐलान किया गया है। इसके अलावा एयरोस्पेस के कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
वाराणसी में भी विकास क्षेत्र बनाने की तैयारी
प्रयागराज-चित्रकूट की तरह वाराणसी में भी विकास क्षेत्र बनाने की तैयारी है। इससे पर्यटन और आर्थिक रोजगार को फायदा होगा। कैबिनेट ने प्रयागराज और वाराणसी समेत 7 जिलों को मिलाकर धार्मिक क्षेत्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही जिले शामिल हैं। वाराणसी-विंध्य विकास क्षेत्र को लेकर चर्चा हुई है। प्रयागराज में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
कैबिनेट बैठक में कई नए मेडिकलों को मंजूरी
तीन नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। योगी सरकार ने प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हाथरस, बागपत और कासगंज में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। इन्हें कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
सात जिलों को मिलाकर बनेगा धार्मिक सर्किट
बैठक में प्रयागराज और वाराणसी समेत सात जिलों को मिलाकर एक धार्मिक सर्किट (Religious Circuit) बनाने की योजना को मंजूरी दी गई। इस सर्किट में चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्किट न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। इसके तहत प्रयागराज और विंध्याचल को काशी से जोड़ने वाले नए एक्सप्रेसवे की भी योजना है।
सीएम योगी ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि आज यहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रदेश के विकास से जुड़े नीतिगत फैसलों पर चर्चा हुई। 2018 में हमने नीति 2024 के लिए उत्तर प्रदेश की एयरोस्पेस और डिफेंस से जुड़ी नीति बनाई थी। इस नीति के 5 साल पूरे हो गए हैं, अब इसे नए सिरे से बनाने की व्यवस्था की गई है। यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में संगम को कुंभ की तस्वीर के साथ इन सभी मंत्रियों को प्लेट और कलश दिया जाएगा।
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