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गोगामेड़ी हत्याकांड में नया खुलासा, जानें हमलावरों ने अपने साथी नवीन सिंह शेखावत को क्यों मारा?
जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में बीते दिनों हुए सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में हमलावरों का साथी नवीन सिंह शेखावत भी मारा गया था। हत्याकांड के बाद से ही हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ ने अपने ही साथी नवीन सिंह शेखावत को क्यों मारा?
शाहपुरा निवासी नवीन शेखावत ही नितिन और रोहित को स्कॉर्पियो में बैठाकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर ले गया था। वह खुद गोगामेड़ी हत्याकांड की प्लानिंग में शामिल था। ऐसे में उसे जरा भी अंदाज नहीं था कि नितिन और रोहित उसे ही मार देंगे लेकिन हमलावरों ने पहला फायर सुखदेव गोगामेड़ी पर किया और दूसरा फायर नवीन सिंह शेखावत पर किया क्योंकि उन्हें दोनों को मारने का टारगेट दिया गया था।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा था नवीन सिंह शेखावत
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि शाहपुरा निवासी नवीन शेखावत पिछले तीन चार साल से लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ था। वह गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण के सीधे संपर्क में था।
गोदारा ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग को ऑपरेट करता है और राजू ठेहट हत्या का मास्टर माइंड वीरेंद्र चारण है। दोनों ही गैंगस्टर विदेशों में छिपे हुए हैं। राजस्थान में नए टारगेट चिन्हित करने और स्थानीय गुर्गों की मदद करने का काम नवीन ही करता था। इसके बदले उसे पेमेंट दिया जाता था।
इसलिए मारा गया नवीन सिंह शेखावत
जांच में सामने आया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग में शामिल होने के बावजूद नवीन सिंह शेखावत की रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण से कई बार बहस हो चुकी थी। नवीन इन दोनों से रुपयों की डिमांड करता था। वह धमकियां भी दे चुका था कि अगर उसे ज्यादा रुपए नहीं दिए तो वह पुलिस को वीरेंद्र चारण और रोहित गोदारा के बारे में पूरी जानकारी दे देगा।
बताया जा रहा है कि नवीन के पास गोदारा और चारण के बारे में पुख्ता जानकारी थी कि वे कहां हैं और कैसे पूरी गैंग का संचालन कर रहे हैं। नवीन के पास कई सारी ऑडियो रिकॉर्डिंग सहित अन्य सबूत भी थे।
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण को यह डर था कि नवीन कभी भी उनकी पोल खोल सकता है। ऐसे में उसे ही ठिकाने लगाना तय किया गया था।
बरगलाया और फिर ठिकाने लगा दिया
रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण नवीन सिंह शेखावत को यही झांसा देते रहे कि उसे बड़ा इनाम मिलेगा। इसी लालच में वह इस गैंग के साथ काम करता रहा। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की प्लानिंग में नवीन सिंह शेखावत शामिल था।
हत्या के लिए ही वह नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को लेकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर गया था लेकिन रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण ने नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को गोगामेड़ी के साथ नवीन शेखावत को मारने का टारगेट दिया था। ऐसे में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के साथ नितिन और रोहित ने नवीन शेखावत की भी हत्या कर दी।
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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी
राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।
नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।
इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।
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