प्रादेशिक
महाराष्ट्र-पंजाब के बाद अब इस राज्य के 4 शहरों में लगा नाइट कर्फ्यू
अहमदाबाद। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर काबू पाने के लिए प्रदेश की सरकारों ने पाबंदियां लगानी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र और पंजाब के बाद अब गुजरात में भी कोरोना वारयस के प्रसार को रोकने के लिए सख्त फैसले लेने शुरू कर दिए हैं।
राज्य में बढ़ते मामलों को देखते हुए चार मेट्रो शहरों में 17 से 31 मार्च तक नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है। जिन चार शहरों में ये नाइट कर्फ्यू लगाए जाएंगे उनमें अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट का नाम शामिल हैं।
सरकार की ओर से मंगलवार को बताया गया कि इन चार महानगरों में प्री-नाइट कर्फ्यू सिस्टम 16 मार्च को दोपहर 12 बजे से सुबह 6 बजे तक बनाए रखा जाएगा। बता दें कि गुजरात में महाराष्ट्र और पंजाब की तरह ही कोरोना के कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है।
जिसके बाद राज्य की सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। गौरतलब है कि राज्य में सोमवार को कोरोना वायरस के 890 नए मामले सामने आए थे। इन नए मामलों के साथ राज्य में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2,79,097 पहुंच गया।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ
लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।
फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।
तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल
वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।
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