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मुख्य समाचार

नूपुर शर्मा को मिला विहिप का साथ, कहा-अदालत तय करेगी बयान कानूनी है या अवैध

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नई दिल्ली। भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का साथ मिला है। वीएचपी का कहना है कि अदालत तय करेगी कि उनका बयान कानूनी है या अवैध। मालूम हो कि नूपुर शर्मा को भाजपा ने पैगम्बर मोहम्मद पर उनकी कथित विवादित टिप्पणी के चलते निष्कासित कर दिया है।

विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि नूपुर शर्मा का बयान कानूनी है या नहीं, यह अदालत तय करेगी लेकिन वे कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना ही पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने एक बहस में भाग लिया जहां हिंदू देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें कही जा रही थीं। उन्होंने कहा कि हिंदू सड़कों पर पाए जाने वाले पत्थरों की पूजा करते हैं और शिवलिंग को भी फव्वारा बताया गया था। गरमागरम बहस के दौरान नूपुर ने कुछ बातें कहीं। यह अपराधा है या नहीं, अदालत तय करेगी।
कानून को हाथ में ले रहे लोग

विहिप नेता ने कहा,”अदालत के फैसले की प्रतीक्षा किए बिना पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, क्या कानून इसकी इजाजत देता है? खुले तौर पर कहा जा रहा है कि अगर कोई पैगंबर के बारे में कुछ कहता है तो जीभ काट दी जाएगी। लोग इस तरह की भाषा बोल रहे हैं। कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं। मुझे लगता है कि यह देश में चिंता का विषय है।”

गिरफ्तारी किसी की मांग पर नहीं होती

नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी किसी की मांग के आधार पर नहीं की जाती है। कुमार ने कहा कि गिरफ्तारी कानून के अनुसार की जाती है।

नूपुर शर्मा ने जो कहा है वह कैमरे पर है। पुलिस को किसी चीज की जरूरत नहीं है। वे कैमरे पर कही गई बातों को सुन सकते हैं, उसका आकलन कर सकते हैं और रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं तो वह इस स्तर पर गिरफ्तारी की बात क्यों कर रहे हैं?”

महेश जेठमलानी ने भी किया नूपुर शर्मा का बचाव

वहीं, राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने कहा कि भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा ने अल्पसंख्यकों पर उकसाने वाला असंवेदनशील बयान दिया है। यह उनकी एक गलती है।

उन्होंने कहा कि शर्मा कोई फ्रिंज राजनेता नहीं हैं और असली फ्रिंज वे हैं जो उनकी गलती से पैदा हुई आग को सार्वजनिक मंचों पर भड़काते हैं। साथ ही विदेशों में भारत की छवि को बहाल करने के भारत सरकार के प्रयासों को बर्बाद कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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