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महारानी के निधन पर भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक, आधा झुका रहेगा राष्ट्रध्वज
नई दिल्ली। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 11 सितंबर को भारत में राष्ट्रीय शोक रहेगा। इस दिन महारानी एलिजाबेथ के सम्मान में भारत में राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर शोक जताया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया। उनके निधन से आहत हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं।”
दो दिन पहले आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर दिखी थीं
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने निधन से दो दिन पहले आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर नजर आई थीं। उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस से मुलाकात की थी। महारानी ने ट्रस से नई सरकार बनाने को कहा था। महारानी का ट्रस के साथ हाथ मिलाते हुए फोटो है।
स्कॉटलैंड में ली अंतिम सांस
70 साल तक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने शासन करने के बाद गुरुवार को स्कॉटलैंड में अंतिम सांस ली। महारानी के निधन के बाद शाही परिवार में उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई। निधन के बाद किस तरह से पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाना है, इसके लिए ब्रिटेन की सरकार ने योजना बनाकर रखी है।
10 दिन बाद होगा अंतिम संस्कार
महारानी का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद होगा। इससे पहले उनके ताबूत को लंदन से बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर के पैलेस तक निधन के पांच दिन बाद औपचारिक मार्ग से ले जाया जाएगा।
इस दौरान लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे, यह स्थल प्रतिदिन 23 घंटे तक खुला रहेगा। अंतिम संस्कार का दिन राष्ट्रीय शोक का दिन होगा, जिसमें वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने वाली सेवा और पूरे ब्रिटेन में दोपहर में दो मिनट का मौन रखा जाएगा। अंतिम संस्कार के बाद रानी को विंडसर कैसल के किंग जॉर्ज षष्ठम मेमोरियल चैपल में दफनाया जाएगा।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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