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मुख्य समाचार

दिल्ली में भी ‘ऑपरेशन लोटस’? ‘आप’ के कई विधायकों से नहीं हो पा रहा संपर्क

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नई दिल्ली। दिल्ली की आबकारी नीति घोटाले को लेकर उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जब से सीबीआई जांच में फंसे तभी से आम आदमी पार्टी और बीजेपी में सियासी घमासान जारी है। आप ने बीजेपी पर अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। इसी बीच पार्टी का अपने कई विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि बैठक शुरू होने तक सभी आ जाएंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के खिलाफ आगे की रणनीति तय करने के लिए सुबह 11 बजे अपने आवास पर बैठक बुलाई है। इससे पहले पार्टी ने बीजेपी पर ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उसने इसे फेल कर दिया है।

दिल्ली सरकार को गिराना चाहती है बीजेपी

आप के नेताओं ने बुधवार को दावा किया था कि बीजेपी चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने  कहा था कि बीजेपी हर विधायक को अपनी साइड आने के लिए 20-25 करोड़ रुपए का ऑफर दे रही है। हालांकि बीजेपी ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि पार्टी दिल्ली के शराब घोटाले से ध्यान हटाने के लिए ऐसा कह रही है।

बैठक में सभी विधायक पहुंचेंगे

70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आप के 62 विधायक हैं। आप नेताओं ने पहुंच से बाहर हुए विधायकों के नामों का खुलासा नहीं किया और ना ही यह बताया है कि कितने विधायक पहुंच से बाहर हैं, लेकिन उनका कहना है कि पार्टी लगातार उन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

ऑफर नहीं माना तो दर्ज होंगे झूठे केस

बुधवार को आप विधायकों- सोमनाथ भारती, संजीव झा, अजय दत्त और कुलदीप कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने बीजेपी का ऑफर ठुकरा दिया है।

आप नेताओं ने कहा कि उन्हें धमकी दी गई है कि प्रस्ताव ठुकराने पर उनके खिलाफ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह फर्जी मामले दर्ज किए जाएंगे। इस दौरान विधायकों ने उन्हें दिए गए प्रस्ताव का कोई ऑडियो या वीडियो सबूत के तौर पर पेश नहीं किया।

सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने जताई उम्मीद

अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाई गई विधायकों की बैठक के लिए पहुंचीं आतिशी मार्लेना ने कहा कि BJP कई दिनों से कोशिश कर रही है कि दिल्ली सरकार को गिरा सके, पहले भी AAP को तोड़ने की और सरकार गिराने की कोशिश हुई है।

कई विधायकों ने कहा कि उन्हें 20-20 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया। आतिशी ने यह भी कहा कुछ विधायकों से बात नहीं हो पाई थी। सौरभ भारद्वाज ने भी ट्विटर पर लिखा है कि ऑपरेशन लोटस फेल हो जाएगा, सभी विधायक बैठक में पहुंच जाएंगे।

प्रादेशिक

अल्मोड़ा बस हादसा: सीएम धामी ने किया मुआवजे का एलान, मृतकों को चार, घायलों को एक लाख की सहायता राशि

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार को हुए बस हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या 36 हो गई है। इस भयंकर हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई करते हुए पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम धामी की ओर से यह कार्रवाई सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और लापरवाही के लिए की गई है। सीएम धामी ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश भी दिए हैं। यह आर्थिक सहायता हादसे में प्रभावित हुए परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से है। इसके अलावा, सीएम धामी ने कुमाऊं मंडल के आयुक्त को इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं।

इससे पहले सीएम धामी ने राहत कार्यों पर प्राथमिकता से जोर देते हुए कहा था कि अल्मोड़ा जिले के मार्चुला में हुई एक बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने के संबंध में दुर्भाग्यपूर्ण खबर आई है। जिला प्रशासन को तेजी से राहत और बचाव कार्य चलाने का निर्देश दिया गया है। स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ टीमों के साथ पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

बता दें कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार को यात्रियों से भरी एक बस सड़क से फिसलकर 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने यह जानकारी दी।

यह बस यात्रियों को लेकर गढ़वाल से कुमाऊं जा रही थी। बताया जा रहा है कि हादसे के समय बस में क्षमता से अधिक सवारी भरी हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस ने अपना नियंत्रण खो दिया था। बताया जा रहा है कि इस बस में लगभग 40 लोग सवार थे। बस जब कुपेल गांव के पास पहुंची तो चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया और बस हादसे की शिकार हो गई।

हादसे के बाद उत्तराखंड पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) सहित क्षेत्र में आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए तुरंत तैनात किया गया है। बचावकर्मी जीवित बचे लोगों को निकालने और घायलों को नजदीकी चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचाने के काम में जुट गए हैं।

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