Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन अब बड़े पैमाने पर होगी इस्तेमाल, WHO ने दी मंजूरी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लार्ज स्केल यूज को हरी झंडी दे दी है। डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट पैनल की ओर से ये मंजूरी दी गई। डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा है कि यह वैक्सीन 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए भी सुरक्षित है।

डब्ल्यूएचओ के स्ट्रैटेजिक अडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनिजेशन ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि इस वैक्सीन को दो डोज में दिया जाना चाहिए। पहले और दूसरे डोज के बीच में 8 से 12 हफ्तों का अंतर हो सकता है।

WHO के स्ट्रैटेजिक अडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनिजेशन ने यह भी कहा है कि कुछ लोगों ने कोविड के अफ्रीकी स्ट्रेन पर इस वैक्सीन के प्रभावी होने पर सवाल उठाए हैं। ऐसी कोई वजह नहीं है कि इस वैक्सीन को अप्रूवल ना दिया जाए।

बता दें कि हाल ही में दक्षिणा अफ्रीका में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसके पीछे कोविड के नए स्ट्रेन पर वैक्सीन के कम प्रभावी होने का हवाला दिया गया था। ऐसे कुछ मामलों के सामने आने के बाद साउथ अफ्रीका में टीकाकरण अभियान को रोक दिया गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, सदमे में परिवार

Published

on

Loading

वॉशिंगटन। अमेरिका में हैदराबाद के रहने वाले एक छात्र की वॉशिंगटन डीसी में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। छात्र का नाम रवि तेजा बताया जा रहा है। रवि अपनी मास्टर की पढ़ाई करने के लिए 2022 में अमेरिका गए थे। भारतीय छात्र की हत्या की घटना उस दिन सामने आई है जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं।

जानकारी के अनुसार रवि तेजा को एक गैस स्टेशन के पास गोली मारी गई है। रवि 2022 में पढ़ाई करने के लिए अमेरिका आया था। अपने बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से ही परिवार सदमे में है।

पिछले साल नवंबर में शिकागो में इसी तरह से एक भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। छात्र तेलंगाना के खम्‍मम जिले के रामन्‍नापेट का रहने वाला था और कुछ महीनों पहले ही पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था। मृतक की पहचान 26 साल के नुकरपु साई तेजा के रूप में हुई थी। वह चार महीने पहले ही अपनी पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था।

Continue Reading

Trending