प्रादेशिक
सनातन संस्कृति को जीवंत रखने के लिए पारुल भार्गव ने गौ दर्शन अभियान का किया शुभारंभ
लखनऊ। भारतीय संस्कृति में ‘गौ’ को पवित्र स्थान प्राप्त है। इस सनातन संस्कृति को जीवंत रखने के लिए पारुल भार्गव ने बंथरा स्थित श्रीमहाकालेश्वर गौशाला में गौ दर्शन अभियान का शुभारंभ किया। पारुल भार्गव सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ भारतीय किसान मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) भी हैं। पारुल भार्गव शुद्ध शाकाहारी एवं हिंसा के विरोधी हैं।
जिन्होंने मानव के साथ गौरक्षा की दिशा में भी कई कार्य किए हैं। पारुल का मानना है कि गौ की पूजा करना और उन्हें प्रेम करना दोनों अलग बातें हैं क्योंकि जिससे हम प्रेम करते हैं उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते और गौ हमारे संस्कृति में मां की रूप में पूजी जाती हैं। गुजरात के जूनागढ़ स्थित गांव वडाल में पारुल भार्गव की दो गौशालाएं हैं। जिनमें बीस से अधिक गौ माता की सेवा की जाती है। इतना ही नहीं उन्होंने गौ माता की रक्षा के लिए गौशालाओं में चल रहे घोटालों के खिलाफ जनहित याचिका भी दायर करवाई। पारुल भार्गव ने अपने वक्तव्य में गौ की महत्ता एवं गौ दर्शन से अनगिनत लाभ पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया गाय मात्र नहीं अपितु हमारी मात्र तुल्य है।
वैदिक काल में गायों की संख्या व्यक्ति की समृद्धि का मानक हुआ करती थी। गाय का यूं तो पूरी दुनिया में काफी महत्व है लेकिन भारत के संदर्भ में बात की जाए तो प्राचीन काल से काल भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है। हिंदू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती रही है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में की जाती है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है। यही कारण है कि दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। हमारे परम करुणावान ऋषियों महाऋषियों ने गौ को माता का दर्जा दिया तथा हृदय तथा कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन गौ पूजन की परमपरा स्थापित की। यही मंगल दिवस गौपाष्टमी कहलाता है। गोपाष्टमी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है। गाय एक मात्र पशु है जिसका सबकुछ सभी को सेवा में काम आता है।
गाय में जितनी सकारात्मक उर्जा होती है उतनी किसी अन्य प्राणी में नहीं। स्वामी दयानंद सरस्वती कहते हैं कि एक गाय अपने जीवन में चार लाख 10 हजार 440 मुनष्यों हेतु एक समय का भोजन जुटाती है। मगर गाय को मार देने से बस 80 जीव ही अपना पेट भर सकते हैं। गाय की पीठ पर रीढ़ की हड्डी में स्थित सूर्य केतु नारी सर्वरोगनाशक, सर्वविषनाशक होती हैं। यह पर्यावरण के लिए लाभदायक है। सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य के संपर्क में आने पर स्वर्ण का उत्पादन करती है। गाय के शरीर से उत्पन्न यह सोना गाय के दूध, मूत्र व गोबर में मिलता है। यह स्वर्ण दूध या मूत्र पीने से शरीर में जाता है और गोबर के माध्यम से खेतों में कई रोगियों को स्वर्ण भस्म दिया जाता है। वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय एक मात्र ऐसा प्राणी है जो आक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है जबकि मनुष्य सहित सभी प्राणी ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते हैं।
आपको पता है कि 10 ग्राम गाय के घी से यज्ञ करने पर एक टन ऑक्सीजन बनती है। एक गाय अपने जीवन में जितना दूध देती है उससे यदि घी बनाकर यदि केवल यज्ञ किया जाए तो 400 लोगों के संपूर्ण जीवन का ऑक्सीजन प्राण वायु बनाया जा सकता है। इतनी ही नहीं इसमें जो अन्य वायु निकलती है उससे बादल बनते हैं और औषधीय वर्षा करते हैं। भारतीय गाय के गोबर से बनी खाद ही कृषि के लिए सबसे उपयुक्त साधन थे। खेती के लिए भारतीय गाय का गोबर अमृत समान माना जाता था। किन्तु हरित क्रांति के नाम पर 1960 से 1985 तक रसायनिक खेती द्वारा भारतीय कृषि को लगभग नष्ट कर दिया गया।
पारुल भार्गन ने गौशाला का निरीक्षण किया गौ माता के पैर धुले और गौवों को हरा चारा खिलाया एवं स्नेहलांग्न किया। गांव के लिए प्रकृतिक आश्रय को ध्यान में रखते हुए वृक्षारोपण भी किया गया। गौ सेवकों को पितांबर उढ़ाकर सम्मानित किया। पारुल भार्गव गुरुकृपा प्रसाद के अंतर्गत 500 जरुरतमंद लोगों को भोजन कराया। आचार्य राहुल तिवारी एवं आचार्य राहुल दीक्षित जी से शुभाषीश प्राप्त कर कार्यक्रम का समापन हुआ। पारुल भार्गव के द्वारा अपना जन्मदिन इस प्रकार मनाना एक अद्भुत पहल थी। इस अभियान में श्री देवेंद्र तिवारी जी राष्ट्रीय अध्यक्ष (भारतीय किसान मंच) अन्य अतिथि उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
यह डिटॉक्स ड्रिंक्स सर्दियों में रोकेगा वजन का बढ़ना, फैट को करेगा बर्न
-
प्रादेशिक2 days ago
भोपाल के जंगल में लावारिस कार से मिला 10 करोड़ कैश और 42 करोड़ का सोना
-
नेशनल2 days ago
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन, गुरुग्राम मेदांता में ली अंतिम सांस
-
नेशनल3 days ago
जयपुर में भीषण सड़क हादसा, सीएनजी से भरा ट्रक फटा, 20 से अधिक गाड़ियां आग की चपेट में
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान देने वाली चार संस्थाओं पर लगाया बैन
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
अयोध्या में बोले सीएम योगी- जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा, उनके वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं
-
प्रादेशिक2 days ago
सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज
-
खेल-कूद2 days ago
विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की कमान संभालते नजर आएंगे रिंकू सिंह