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प्रादेशिक

पेगासस हैकिंग मामले में ममता बनर्जी का बड़ा दांव, जांच के लिए किया आयोग का गठन

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस फोन हैकिंग मामले की जांच के लिए 2 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में रिटायर्ड जज शामिल भी शामिल होंगे।

बता दें कि सीएम ममता बनर्जी यह कदम उठाया है जब उनके भतीजे और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम भी उन संभावितों की लिस्ट में आया है जिनका फोन पेगासस स्पाइवेयर से हैक किया गया हो।

ममता बनर्जी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एम बी लोकुर और कोलकाता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ज्योतिर्मयी भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक कमीशन का गठन किया गया है जो पिछले दिनों कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों के फोन टैपिंग और हैकिंग के मामले की जांच करेगा।

ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने पहले ही इस मामले की जांच की मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार इस मामले की जांच को लेकर उत्साहित नहीं है इसी वजह से पश्चिम बंगाल सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है और देश में इस तरह का यह पहला ऐसा जांच कमीशन है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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