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PFI बैन: ओवैसी ने कहा- नहीं कर सकते समर्थन, लालू बोले RSS पर भी लगे
नई दिल्ली। PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उससे जुड़े संगठनों पर भारत सरकार द्वारा 5 साल का बैन लगाए जाने को लेकर राजनेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां लालू यादव ने आरएसएस पर भी बैन की बात कही, तो वहीं ओवैसी ने कहा इस तरह का प्रतिबंध खतरनाक है।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘इस तरह का प्रतिबंध खतरनाक है क्योंकि यह हर उस मुसलमान पर प्रतिबंध है जो दिल से बोलता है।’ ओवैसी ने कहा कि ‘भारत फासीवाद की ओर बढ़ रहा है, अब हर मुस्लिम युवा को भारत के काले कानून UAPA के तहत अरेस्ट किया जाएगा।’
ओवैसी ने लिखा कि ‘मुस्लिमों ने कोर्ट से रिहाई मिलने से पहले दशकों जेल में गुजारे हैं। मैंने UAPA का विरोध किया है और हमेशा UAPA के तहत हर कार्रवाई का विरोध करूंगा।’
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया है कि वे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन का समर्थन नहीं कर सकते। ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट्स में कहा ‘कुछ लोगों के कृत्यों के लिए पूरे संगठन को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसी संगठन से जुड़ाव भर ही दोषी ठहराए जाने के लिए काफी नहीं है।’
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आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिए: लालू यादव
PFI बैन पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘पीएफआई की जांच हो रही है और उसके जैसे जितने भी संगठन हैं आरएसएस समेत… इन सबपर बैन लगना चाहिए। एकरूपता लगे। ऐसा फीलिंग नहीं जाए कि खासकर के मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है।’
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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