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प्रादेशिक

काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को दिया जा रहा विस्तार, पीएम मोदी दिसंबर में कर सकते हैं उद्घाटन

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वाराणसी। आजाद भारत के इतिहास में पहला ऐसा मौका है जब श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को विस्तार दिया जा रहा  है।  इससे पहले 1780 इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था।  और महाराजा रणजीत सिंह ने 1836 में सोने का छत्र बनवाया था । अब नए भारत के निर्माण में पीएम मोदी पहले ऐसे शासक है जिन्होंने करीब 250 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को विस्तार देकर इसका सौंदर्यीकरण करा रहे है। जिससे सनातन धर्म को मानने वालो को विश्वनाथ मंदिर में आने पर कोई परेशानी न हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना श्री काशी विश्वनाथ धाम की इमारतें अब धीरे धीरे अपने स्वरुप में आने लगी है। इन इमारतों में एम्पोरियम व मंदिर चौक का प्रांगण काफी महत्वपूर्ण है। सावन और महाशिवरात्रि जैसे महापर्वो में ये प्रांगण  भक्तों के खड़े होने के लिए उपयोगी होगा। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलरी से गंगा व बाबा के शिखर का दर्शन हो पाएगा । यहाँ मौजूद एम्पोरियम में देश की हस्त निर्मित, हैंडीक्राफ्ट आदि चीजें भी  एक छत के नीचे मिल सकेगी ।

इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर के बाद करीब 250 साल बाद वाराणसी के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातनियों के आस्था के केंद्र काशी  विश्वनाथ मन्दिर को विस्तार देकर सौंदर्यीकरण करा रहे है। 1780 में महारानी अहिल्याबाई होलकर ने विश्वनाथ मंदिर का  जीर्णोद्धार कराया था। और 1836 में  महाराजा रंजीत सिंह ने सोने का छत्र बनवाया था । अब काशी विश्वनाथ धाम या कॉरिडोर का विकास करीब 50,200 वर्ग मीटर में 339 करोड़ रूपये की लागत से हो रहा है। भव्य आनंद वन में  सुरक्षा, म्यूजियम, फैसिलेशन सेण्टर ,वाराणसी गैलरी ,मुमुक्ष, भवन जैसे 24 भवन का निर्माण हो रहा है। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी से बाबा और माँ गंगा का अद्भुत नज़ारा दे सकेंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्धभुत नज़ारा भी देखने को मिलेगा।
मंदिर परिसर  के पूर्वी द्वार से बाहर निकलते ही आप मंदिर चौक के विशाल एरिया में पहुंच जाएंगे। यही रास्ता आगे माँ गंगा के दर्शन भी कराएगा। इंग्लिश के यू (U ) आकार का भूतल प्लस दो  मंजिल  का यह प्रांगण करीब 35000 स्क्वायर फ़िट का है । मंदिर चौक गेटवे भी यही है ।

श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के सीईओ सुनील वर्मा ने  बताया कि  मंदिर चौक की पहली मंजिल पर एम्पोरियम होगा। यहाँ पर हैंडीक्राफ्ट व सोविनियर की दुकानें होंगी। जिसमे देश के करीब सभी हिस्सों  में बनाए जाने वाले हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों की दुकानें होंगी । ये दुकानें अनेकता में एकता को पिरोती हुई देश के कई राज्यों  का प्रतिनिधित्व करेंगी। इमारत की दूसरी मंजिल में मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों और उनके बोर्ड रूम के कार्यालय हैं। ये डबल मंजिला स्थान इमारत के दोनों ओर हैं। इस ईमारत का सबसे खूबसूरत स्थान व्यूइंग पॉइंट है। जहा खड़े होकर आप पूरे श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरुप निहार सकते है। पूर्व की तरफ़ श्री काशी विश्वनाथ धाम की अन्य इमारते और माँ गंगा के दर्शन कर सकते है। वही पश्चिम की तरफ बाबा दरबार का अद्भुत नज़ारा दिखेगा। और बाबा दरबार का स्वर्ण  शिखर के दर्शन भी कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि मंदिर चौक की ईमारत को हेरिटेज लुक देने के लिए राजस्थान के बालेश्वर के ग़ुलाबी पत्थरों को दीवारों पर लगाया जा रहा है। इसके लगाने के विशेष तरीके से अंदर का तापमान संतुलित रहेगा। मंदिर चौक पर बने आकर्षक बिल्डिंग पर जाने के लिए के सीढिया है।  इसमें बुजुर्गों और दिव्यांगों  की सुविधा के लिए ,भी लिफ्ट का  प्रावधान रखा गया है। व्यूइंग गैलरी तक जाने के लिए भी दो लिफ्ट है। इस इमारत में कुल छह लिफ्ट है। भूतल पर  प्रतीक्षालय बनाया गया है। यहीं पर पब्लिक यूटिलिटी की सुविधा बनाई गई है। जो अधिक से अधिक लोगों को सुविधा प्रदान करेगा। भगवान शंकर के प्रिय पौधे लगाए जाने की भी योजना है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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